Blood Pressure मरीजों के लिए राहत भरी खबर ,दो दवाओं की एक डोज नियंत्रित करेगी

एम्स को बड़ी सफलता, एम्स ने बनाई बीपी की नई दवा, नई दवा से मिलेगी बीपी से राहत, bp problem, HEALTH Research, new study of blood pressure, bp research"

Blood Pressure : बीपी आज एक आम स्वास्थ्य समस्या है। अमेरिका हो या भारत, विकसित देशों में भी बीमारी गंभीर है।

  • एम्स ने एक नई अध्ययन में BP नियंत्रण का नया तरीका खोज निकाला है। जानते हैं।

Blood Pressure : जब धमनी की दीवारों पर लगातार तेजी से खून का दबाव पड़ता है, तो हाई बीपी होता है। यह आपकी आर्टरिज को खराब कर सकता है, जिससे दिल का दौरा और स्ट्रोक जैसी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। हाइपरटेंशन भी एक आम लक्षण है। यह एक ऐसी गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जो किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है। अमेरिकी मेडिकल सोसायटी (एम्स) ने एक नवीनतम अध्ययन में बीपी के मरीजों को एक नया लाभ बताया है। वास्तव में, एम्स रिसर्च टीम ने बीपी को नियंत्रित करने वाली दो दवाओं का एकमात्र डोज बनाया है। रिसर्च के बारे में जानिए सब कुछ।

प्रमुख खोज

एम्स और इंपीरियल कॉलेज लंदन ने एक तीसरी दवा बनाने की कोशिश की, जो अनकंट्रोल बीपी को नियंत्रित करने के लिए दो-दो दवाओं को मिलाकर बनाया गया था। यह दवा भी काफी प्रभावशाली है और 70% मरीजों पर सफल हुई है। यह भी बताया गया कि पुरानी दवाएं ऐसे और भी प्रभावी हो गई हैं। भारत में बीपी से पीड़ित लगभग 30% लोग हैं, इसलिए यह नया अध्ययन सबसे अच्छा है।

एक्सपर्ट क्या कहते हैं?

डॉक्टर अंबुज राय, एम्स के कार्डियोलॉजिस्ट एक्सपर्ट, कहते हैं कि भारत में बीमारियां लोगों को अचानक घेरती हैं और लापरवाहियों के चलते बचाव या राहत पाने में समय लगता है। बीपी उच्च होने से हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक जैसे खतरनाक रोग हो सकते हैं। हालाँकि मरीजों पर कॉम्बिनेशन दवाएं पहले भी दी गई हैं, लेकिन कुछ उतने प्रभावी नहीं रहे हैं जितना कि यह नया डोज है। इलाज पहले अफ्रीकन कॉम्बिनेशन वाली डोज से किया जाता था। इस नई दवा से 70% लोगों का बीपी नियंत्रण भी होने लगा है।

किस दवा पर अध्ययन हुआ?

तीन अलग-अलग बैचों में दो दवाओं के संयोजन से शुरू हुआ अध्ययन। तीन डोज थे: एक एमलोडिपाइन+पेरिंड्रोपिल, दूसरा एमलोडिपाइन+इंडापामाइड और तीसरा  इंडापामाइड+पेरिंड्रोपिल। तीनों में से कौन सफल रहा है, इसका खुलासा नहीं हुआ है।

क्या अध्ययन किया गया था?

1,981 लोगों को भारत के लगभग 35 क्षेत्रों में अध्ययन किया गया था। इन इलाकों में ग्रामीण और शहरी लोग रहते थे। और इन लोगों की उम्र 39 से 70 वर्ष थी। साइड-इफेक्ट्स के बारे में, मात्र 3% लोगों ने इसके दुष्परिणाम देखे हैं।

हाई बीपी के शुरुआती संकेत साइलेंट किलर हैं, लेकिन कुछ संकेत आप समझ सकते हैं।

सिरदर्द
धुंधला दिखना
चक्कर लगाना
सीने में दर्द
सांस लेने में मुश्किल होना

स्वीकृति: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले, विशेषज्ञों से सलाह अवश्य लें।

Related posts

Delhi Pollution : प्रदूषण से बचने के लिए अपनाएं सात स्मार्ट हैक्स

Peanut Benefits : 21 दिनों में मूंगफली खाने के पांच बेहतरीन लाभ

Delhi Pollution : 7 बचाव उपाय, महत्वपूर्ण क्षेत्रों को नुकसान से बचाएं