Punjab Politics: भाजपा ने राज्य की नौ लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। अब उसके पास चार सीटें बाकी हैं: फिरोजपुर, आनंदपुर साहिब, फतेहगढ़ साहिब और संगरूर।
पंजाब की राजनीति भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए बहुत अलग है। भाजपा ने सीमिति क्षेत्र में लंबे समय तक शिरोमणि अकाली दल के साथ गठबंधन में रहते हुए अब अकेले चुनाव मैदान में राजनीति की है। भाजपा ने पंजाब में अपनी पकड़ मजबूत करने और अपनी शक्ति बढ़ाने के लिए कांग्रेस, अकाली दल और आम आदमी पार्टी के कई बड़े नेताओं को अपने साथ जोड़ा है। भाजपा में कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ भी हैं।
भाजपा ने राज्य की नौ लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। अब उसके पास चार सीटें बाकी हैं: फिरोजपुर, आनंदपुर साहिब, फतेहगढ़ साहिब और संगरूर। भाजपा को इन सीटों पर सक्षम उम्मीदवारों की आवश्यकता है। इन क्षेत्रों में भाजपा का संगठन कमजोर हो गया है, इसलिए उसके पास लोकसभा चुनाव में सक्षम उम्मीदवार नहीं हैं।
सूत्रों ने कहा कि पार्टी इन सीटों में कुछ पर दूसरे दलों से आने वाले नेताओं पर दांव लगा सकती है। उसकी कांग्रेस और अकाली दल के कुछ नेताओं पर भी शक है।
आप से हुआ लोगों का मोहभंग
भाजपा में पंजाब से बहुत से नए सदस्य शामिल हो गए हैं। इनमें दूसरे दलों के नेताओं से लेकर समाज के विभिन्न वर्गो के प्रभावशाली लोग शामिल हैं। भाजपा का लक्ष्य सीमावर्ती राज्यों में अपना प्रभाव बढ़ाना है। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि आम आदमी पार्टी को अकाली दल और कांग्रेस की सरकारों से उकता गए लोगों ने विकल्प के रूप में देखा था, लेकिन अब उससे भी मोह भंग हो गया है और लोग नए विकल्प की तलाश में हैं, और भाजपा वह विकल्प लोगों के सामने रख रही है।
वीआरएस ले मैदान में परमपाल कौर
भाजपा ने परमपाल कौर को ही बठिंडा का उम्मीदवार बनाया है। कौर एक आईएएस अधिकारी हैं और उन्होंने एक वीआरएस (केंद्र सरकार की मंजूरी) प्राप्त किया है। हालाँकि, कौर को तीन महीने के नोटिस पीरियड् से छूट नहीं मिली है, इसलिए पंजाब सरकार ने उनसे नोटिस जारी कर उन्हें तुरंत काम पर जाने को कहा है। जवाब में कौर ने कहा कि वह चुनाव लड़ेंगी क्योंकि उनके वीआरएस को मंजूरी मिल चुकी है।