प्रमुख शासन सचिव Gayatri Rathore सहित अन्य अधिकारियों ने किया विभिन्न चिकित्सा संस्थानों का निरीक्षण

प्रमुख शासन सचिव Gayatri Rathore सहित अन्य अधिकारियों ने किया विभिन्न चिकित्सा संस्थानों का निरीक्षण

Gayatri Rathore: स्वास्थ्य मानकों में सुधार के लिए नवाचार, करौली जिले से शुरू हुआ स्टेट रिव्यू मिशन

  • स्वास्थ्य कार्यक्रमों की प्रगति की समीक्षा कर दिए दिशा-निर्देश
Gayatri Rathore: मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा की पहल एवं चिकित्सा मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह खींवसर के निर्देशों पर स्वास्थ्य सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण, सुचारू संचालन एवं स्वास्थ्य मानकों में सुधार के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने स्टेट रिव्यू मिशन के रूप में नवाचार किया है। इसके तहत प्रदेशभर में जिलावार निरीक्षण एवं समीक्षा बैठकों का आयोजन किया जाएगा। प्रमुख शासन सचिव श्रीमती गायत्री राठौड़ के निर्देशन में इस स्टेट रिव्यू मिशन की शुरूआत गुरूवार को करौली जिले से की गई। इससे पहले ही मुख्यालय से अधिकारियों की 9 टीमें 22 अक्टूबर को करौली पहुंची और वहां 3 दिन में सभी ब्लॉक्स को कवर करते हुए 21 चिकित्सा संस्थानों और  कई घरों में जाकर स्वास्थ्य सुविधाओं का जायजा लिया। इन टीमों ने जिला मुख्यालय पर आयोजित समीक्षा बैठक में स्वास्थ्य सुविधाओं की वास्तविक स्थिति से अवगत कराया।
प्रमुख शासन सचिव श्रीमती गायत्री राठौड़ ने करौली मेडिकल कॉलेज में आयोजित समीक्षा बैठक में कहा कि प्रदेश के सभी जिलों में स्वास्थ्य मानकों में सुधार करना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इस दिशा में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं, संस्थागत प्रसव, टीकाकरण, टीबी मुक्ति, साफ-सफाई सहित अन्य पैरामीटर्स पर शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल किया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा संचालित स्वास्थ्य कार्यक्रमों एवं योजनाओं का लाभ निचले स्तर तक पहुंचे और आमजन को जांच, उपचार आदि में किसी तरह की कठिनाई नहीं हो।

शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने का प्रयास करें—

श्रीमती राठौड़ ने कहा कि करौली जिले में संस्थागत प्रसव व टीकाकरण के लिए आमजन में और अधिक जागरूकता पैदा की जाए। उन्होंने जिले के विभिन्न ब्लॉक्स में मेटरनल, चाइल्ड हैल्थ एण्ड न्यूट्रीशन डे के तहत आयोजित गतिविधियों में और सुधार कर निर्धारित लक्ष्य हासिल करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिले के सभी एफआरयू को जल्द से जल्द क्रियाशील किया जाए। उन्होंने विभिन्न पैरामीटर्स को बेहतर बनाते हुए अधिक से अधिक चिकित्सा संस्थानों को नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्कीम के तहत प्रमाणीकरण करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ई-उपकरण पोर्टल पर नियमित रूप से अपडेशन किया जाए, ताकि खराब जांच मशीनों का तत्काल मेंटीनेंस सुनिश्चित हो। उन्होंने जिला अस्पताल में उपलब्ध जांच मशीनों को तुरंत प्रभाव से क्रियाशील करने के भी निर्देश दिए।

दूरस्थ क्षेत्रों तक मिले योजनाओं का पूरा लाभ—

श्रीमती राठौड़ ने वृद्धजनों को सुगमतापूर्वक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए शुरू किए गए रामाश्रय वार्डों में सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करवाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए मा-वाउचर योजना महत्वपूर्ण कदम है। पिछडे़ एवं दूरस्थ क्षेत्रों में इसकी प्रभावी क्रियान्विति करें।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना आमजन को इलाज के खर्च से चिंतामुक्त करने की दिशा में महत्वाकांक्षी पहल है। सुनिश्चित करें कि अधिकाधिक पात्र लोग योजना में पंजीकृत हों और उन्हें योजना के तहत पूरा लाभ सुगमता से मिले। श्रीमती राठौड़ ने अस्पतालों में बायोमेडिकल वेस्ट का गाइडलाइन के अनुसार निस्तारण करने तथा बायोमेडिकल वेस्ट निस्तारण, उपकरणों के उपयोग एवं अन्य गतिविधियों के लिए प्रशिक्षण व क्षमता संवर्धन करने के भी निर्देश दिए।

सिलिकोसिस से बचाव के लिए अपनाएं सुरक्षात्मक उपाय—

दौसा एवं करौली जिले में सिलिकोसिस की गंभीर समस्या के दृष्टिगत उन्होंने सुरक्षात्मक उपायों, स्क्रीनिंग आदि पर विशेष फोकस करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सिलिकोसिस सर्टिफिकेट जारी करने में पूरी पारदर्शिता रखी जाए। साथ ही, पीड़ितों को सिलिकोसिस नीति के तहत उपचार एवं आर्थिक मदद समय पर उपलब्ध करवाई जाए। उन्होंने गैर संक्रामक रोगों से बचाव व उपचार के लिए सीएचओ के माध्यम से प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से लोगों को बचाने के लिए स्क्रीनिंग के काम को प्राथमिकता दी जाए।

साफ-सफाई पर दें विशेष ध्यान—

निरीक्षण के दौरान करौली जिले के ज्यादातर चिकित्सा संस्थानों में साफ-सफाई की व्यवस्था अच्छी मिलने, पर्याप्त मानव संसाधन, जांच एवं दवाओं की समुचित उपलब्धता होने पर प्रमुख शासन सचिव ने प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि जिन चिकित्सा संस्थानों में इन सुविधाओं में सुधार की आवश्यकता है, वहां तत्काल जरूरी कदम उठाएं। चेक लिस्ट बनाकर नियमित निरीक्षण किया जाए और साफ-सफाई एवं जांच व उपचार की व्यवस्थाओं को पुख्ता रखा जाए। उन्होंने आयुष्मान आरोग्य मंदिर, चिकित्सा संस्थानों के भवनों की स्थिति, एंबुलेंस, मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा एवं जांच योजना, कार्मिकों को वेतन या मानदेय के   भुगतान आदि की भी समीक्षा की।
बैठक में आरएमएससीएल की प्रबंध निदेशक श्रीमती नेहा गिरि, निदेशक आईईसी श्री शाहीन अली खान, निदेशक आरसीएच डॉ. सुनीत राणावत सहित अन्य अधिकारियों ने करौली जिले में उनके द्वारा किए गए निरीक्षणों में सामने आई कमियों एवं सुधार के लिए जरूरी कदम उठाने के बारे में अवगत कराया। जिला कलेक्टर श्री नीलाभ सक्सेना ने जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए किए जा रहे प्रयासों से अवगत कराया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दिनेश मीणा ने स्वास्थ्य कार्यक्रमों की प्रगति से अवगत कराया। विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों के प्रभारी अधिकारियों ने करौली जिले में इन कार्यक्रमों के संचालन एवं प्रगति की जानकारी दी।
यूनीसेफ के चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. अनिल अग्रवाल ने बताया कि विगत दो दिनों में चिकित्सकों एवं अन्य अधिकारियों की टीमों ने जिले के विभिन्न चिकित्सा संस्थानों का गहनता के साथ निरीक्षण किया है। निरीक्षण के दौरान पाई गई कमियों एवं अन्य आवश्यकताओं का विस्तृत डाटा तैयार किया जा रहा है, जिसके आधार पर स्वास्थ्य मानकों को बेहतर किया जाएगा।

यहां किया निरीक्षण—

बैठक से पहले प्रमुख शासन सचिव श्रीमती गायत्री राठौड़ ने गंगापुर सिटी के खेड़ली में उप स्वास्थ्य केंद्र, अमरगढ़ चौकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, आरएमएससीएल की प्रबंध निदेशक श्रीमती नेहा गिरि ने हिण्डौन में जिला अस्पताल एवं राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय स्थित आंगनबाड़ी केंद्र में स्वास्थ्य सुविधाओं का निरीक्षण कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
इसी प्रकार निदेशक आईईसी श्री शाहीन अली खान ने गंगापुर सिटी जिले के मेहंदीपुर बालाजी स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तथा करौली के श्री महावीरजी स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण किया। निदेशक आरसीएच श्री सुनीत सिंह राणावत ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कुड़गांव व प्रोजेक्ट डायरेक्टर मेटरनल हैल्थ डॉ. तरूण चौधरी ने शिवराज सिंह राजकीय सामान्य चिकित्सालय का निरीक्षण किया। अन्य अधिकारियों ने भी जिले में विभिन्न ब्लॉक्स के चिकित्सा संस्थानों का निरीक्षण किया।
बैठक में परियोजना निदेशक एनएचएम श्रीमती तूलिका सैनी, परियोजना निदेशक पीसीपीएनडीटी श्री महिपाल सिंह, अतिरिक्त निदेशक अस्पताल प्रशासन डॉ. सुशील परमार, करौली मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. आरसी मीणा, एसपीएम डॉ. लोकेश चतुर्वेदी, अतिरिक्त जिला कलेक्टर श्री हेमराज, मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री शिवचरण मीणा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री गुमनाराम, पीएमओ डॉ. रामकेश मीणा सहित चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी तथा करौली के जिला स्तरीय एवं ब्लॉक स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।
Source: https://dipr.rajasthan.gov.in

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