NCR के इस जिले में TOD क्षेत्र बनेगा, जो पांच मंजिल तक घर बना सकेगा; आपको क्या-क्या फायदे

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NCR के इस जिले में TOD क्षेत्र बनेगा, जो पांच मंजिल तक घर बना सकेगा; आपको क्या-क्या फायदे

NCR: मेट्रो गाजियाबाद में रेड और ब्लू लाइन और एलिवेटेड रोड के दोनों ओर ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट जोन घोषित करने की तैयारी कर रही है। रूट के दोनों ओर मिश्रित जमीन का उपयोग करते हुए पांच फ्लोर क्षेत्रों का रेश्यो दिया जाएगा।

मेट्रो रेड और ब्लू लाइन और एलिवेटेड रोड के दोनों ओर ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट (टीओडी) जोन घोषित करने की तैयारी है गाजियाबाद जिले में। 500-500 मीटर तक मिश्रित भू-उपयोग वाले पांच फ्लोर एरिया रेश्यो ((एफएआर)  इस रूट के दोनों ओर दिए जा सकेंगे, जिससे यहां आवासीय और व्यावसायिक गतिविधियों की योजना बनाई जा सकेगी।

NCR: सोमवार को मास्टर प्लान 2031 का प्रजेंटेशन देखने के बाद, शासन की उच्च स्तरीय समिति ने नमो भारत ट्रेन के टीओडी जोन को मास्टर प्लान में मेट्रो रूट और एलिवेटेड रोड कॉरिडोर की तरह नहीं बताया। मास्टर प्लान में बदलाव करने और इसे चिह्नित करने के निर्देश भी दिए गए हैं। शासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि शासन ने 2019 में जीडीए को मेट्रो रूट के दोनों ओर टीओडी जोन घोषित करने के लिए कहा था. इसके बाद, जीडीए ने मानक बनाने के लिए गाइडलाइन मांगी। लेकिन बाद में इस दिशा में कोई काम नहीं हुआ।

समिति ने मास्टर प्लान में इसे शामिल करने का आदेश दिया है। ऐसे में, जीडीए वैशाली से कौशांबी तक ब्लू लाइन और न्यू बस अड्डा से दिलशाद गार्डन तक मेट्रो रेड लाइन का सर्वे कर रिपोर्ट बनाएगा। मास्टर प्लान में इसके दोनों तरफ 500-500 मीटर का क्षेत्र चिह्नित किया जाएगा। वहीं, राजनगर एक्सटेंशन से दिल्ली बार्डर तक एलिवेटेड रोड के दोनों ओर क्षेत्र का स्थान निर्धारित किया जाएगा।

मिश्रित भूउपयोग के साथ पांच एफएआर मिलेंगे

मेट्रो रूट और एलिवेटेड रोड के चारों ओर 500-500 मीटर क्षेत्र में मिश्रित भू उपयोग घोषित होगा। इससे 100 मीटर क्षेत्र पर पांच एफएआर निर्माण की अनुमति मिलेगी। ऐसा करने से कुल 500 वर्ग मीटर का निर्माण क्षेत्र बनाया जा सकेगा। इससे स्थानीय और व्यावसायिक गतिविधियां प्रभावित होंगी। यहाँ टाउनशिप, कांम्प्लेक्स, मॉल, दफ्तर, रेस्तरां, घर, ऑफिस आदि बनाए जा सकते हैं। साथ ही, नक्शा स्वीकृति शुल्क से प्राधिकरण को अधिक पैसा मिलेगा।

ये फायदे होंगे

अतिरिक्त एफएआर मेट्रो के दोनों तरफ देने से छोटे भूखंडों पर मिश्रित भू-उपयोग के साथ ऊंची इमारतें बनाई जाएंगी। मेट्रो फेज-दो दिलशाद गार्डन से न्यू बस अड्डा तक ज्यादातर छोटे-छोटे भूखंड बनाए गए हैं। मास्टर प्लान में उपरोक्त क्षेत्र को मेट्रो जोन के रूप में घोषित करने पर, लोगों को नए नियमों के तहत नक्शा दोबारा से पास करना होगा।

यह क्षेत्र घोषित होगा

मेट्रो रेड लाइन, दिलशाद गार्डन से न्यू बस अड्डा तक लगभग 9.63 किलोमीटर लंबी है, दोनों तरफ घरेलू और व्यावसायिक गतिविधियां होंगी। वैशाली से कौशांबी मेट्रो ब्लू लाइन कॉरिडोर के दोनों तरफ 500-500 मीटर के क्षेत्र में भी इसी तरह की क्रियाएं की जा सकती हैं। वहीं, एलिवेटेड रोड के दोनों तरफ मिश्रित भूउपयोग हो सकेगा।

जीडीए के उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने कहा, ‘उच्चस्तरीय समिति की बैठक में मास्टर प्लान में संशोधन के निर्देश दिए गए हैं। मिनट्स जारी होने के बाद, मेट्रो रूट और एलिवेटेड रोड कॉरिडोर के दोनों ओर टीओडी जोन को चिह्नित कर मास्टर प्लान में शामिल किया जाएगा।’

 

 

 

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