Mobile Recharge Plan: ट्राई, दूरसंचार नियामक, ने कंपनियों को सिर्फ कॉल या SMS पैक के बजाय बंडल पैक देने पर विचार करने को कहा।
राहत की उम्मीद लगाए महंगे मोबाइल टैरिफ से परेशान आम ग्राहकों को निराशा हाथ लग सकती है। टेलीकॉम कंपनियों का कहना है कि ट्राई के सुझाव पर सिर्फ एसएमएस या कॉल पैक की जरूरत नहीं है। व्यवसायों का कहना है कि मौजूदा टैरिफ योजनाएं ग्राहकों की विभिन्न जरूरतों को पूरा करने के लिए काफी हैं।
ट्राई का कंसल्टेशन पेपर पिछले महीने आया था
ट्राई के सुझाव के बाद टेलीकॉम कंपनियों ने यह जवाब दिया है। पिछले महीने, दूरसंचार नियामक ट्राई ने एक कंसल्टेशन पेपर जारी करके टेलीकॉम कंपनियों को टैरिफ योजना से संबंधित एक प्रस्ताव भेजा था। कंसल्टेशन पेपर में कंपनियों से कहा गया था कि वे ग्राहकों के लिए सिर्फ वॉयस और एसएमएस पैक लॉन्च करें, बिना डेटा के। ट्राई ने 16 अगस्त तक कंसल्टेशन पेपर पर सजेशन देने के लिए कहा था, साथ ही 23 अगस्त तक काउंटर सजेशन भी देने के लिए कहा था।
Airtel: ग्राहकों को बंडल्ड पैक सुविधा
एयरटेल, दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी, ट्राई के सुझाव पर कहता है कि अभी मौजूद प्लान सरल, स्ट्रेट फॉरवर्ड और आसानी से समझ में आने योग्य हैं। खास तौर पर अधिक उम्र वाले ग्राहक ऑल-इन्क्लुजिव बंडल्ड वॉयस, डेटा व एसएमएस पैक को पसंद करते हैं। ये पैक न तो कॉप्लेक्स हैं और न ही हिउेन चार्जेज हैं। बंडल्ड पैक ग्राहकों को कई अलग-अलग कई प्लान को मैनेज करने की जरूरत समाप्त करते हैं.
जियो- यूजर मौजूदा टैरिफ को किफायती मानते हैं
जियो, देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी, ने अपनी प्रतिक्रिया में सर्वे के नतीजों का उल्लेख किया है। जियो की रिपोर्ट के अनुसार, 91 प्रतिशत मोबाइल यूजर मानते हैं कि वर्तमान टेलीकॉम टैरिफ किफायती हैं। वहीं 93% ग्राहक कहते हैं कि बाजार में पर्याप्त विकल्प मौजूद हैं।
डिजिटल डिवाइड-वीआई वॉयस-एसएमएस वनली पैक से बढ़ेगा
वोडाफोन-आइडिया, देश की तीसरी सबसे बड़ी प्राइवेट टेलीकॉम कंपनी, का दावा है कि ग्राहकों को सिर्फ वॉयस या एसएमएस पैक देने से देश में डिजिटल डिवाइड बढ़ेगा। नॉन-डेटा यूजर अपग्रेड होने और डिजिटल सेवाओं का अनुभव लेने से हतोत्साहित होंगे।
ये बहाना दूरसंचार नियामक ट्राई ने दिया था
भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने एक पत्र में कहा कि डेटा, वॉयस, एसएमएस और ओटीटी सेवाओं वाले टैरिफ ऑफर बाजार में मुख्य रूप से बंडल में आ रहे हैं। क्योंकि सभी सब्सक्राइबर सारी सेवाओं का इस्तेमाल नहीं करते, ये बंडल ऑफर बहुत से सब्सक्राइबरों की आवश्यकताओं को नहीं पूरा करते। उन्हें उन सेवाओं के लिए भी भुगतान करना पड़ेगा, जिन्हें वे नहीं उपयोग करते हैं।