प्रधानमंत्री विरासत का संवर्धन (PM VIKAS) योजना के तहत, अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय लोक संवर्धन पर्वों के आयोजन के माध्यम से भारत भर के कारीगरों को उनकी पारंपरिक कलाओं/शिल्पों को प्रदर्शित करने और उनका विपणन करने में सहायता करता है, जो उन्हें राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खरीदारों के साथ जुड़ने, वर्तमान बाजार के रुझानों को समझने और नए व्यावसायिक अवसरों का पता लगाने में सक्षम बनाता है। ऐसे पर्वों के आयोजन के दौरान, बाजार संपर्क, ऋण सुविधाओं, कारीगर उद्यमियों के लिए विभिन्न सरकारी योजनाओं आदि को शामिल करने वाले विषयों की एक विस्तृत श्रृंखला पर विशेष व्याख्यान/सेमिनार/लाइव कार्यशालाएं आयोजित की जाती हैं। भाग लेने वाले कारीगरों/उद्यमियों को शिक्षित करने के लिए भी व्यवस्था की गई। इस प्रदर्शन का उद्देश्य स्थायी आजीविका सुनिश्चित करना और भाग लेने वाले कारीगरों/शिल्पकारों के लिए आर्थिक संभावनाओं को बढ़ाना है।
कार्यक्रम के हिस्से के रूप में, मंत्रालय ने भारत टेक्स 2025 में घर की सजावट, फैशन, वस्त्र, उपहार, फर्नीचर और कई अन्य शिल्पों में अपने पारंपरिक शिल्प का प्रदर्शन करने के लिए भारत भर के कारीगरों का समर्थन किया। इस तरह के आयोजनों में कारीगरों/शिल्पकारों की भागीदारी से उनकी बाजार पहुंच बढ़ने, आय बढ़ाने और उन्हें राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खरीदारों और डिजाइनरों के साथ जोड़कर आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। यह प्रदर्शन न केवल उनके व्यापार के अवसरों का विस्तार करता है, बल्कि उन्हें वैश्विक रुझानों, स्थायी प्रथाओं और समकालीन डिजाइनों के ज्ञान के साथ सशक्त बनाता है, जिससे उनके शिल्प अधिक प्रतिस्पर्धी बन जाते हैं। इसके अतिरिक्त, यह सांस्कृतिक संरक्षण को प्रोत्साहित करता है, युवाओं और महिलाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित करता है, और कारीगर पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करता है, पारंपरिक शिल्प को भारत के वैश्विक व्यापार पदचिह्न में एक प्रमुख योगदानकर्ता के रूप में स्थापित करता है।
यह जानकारी केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों और संसदीय मामलों के मंत्री श्री किरेन रिजिजू ने आज राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी