Minister Sumit Godara : खाद्य सुरक्षा से जुड़े 88 प्रतिशत से ज्यादा लोगों की ई-केवाईसी पूरी हो चुकी है।
Minister Sumit Godara ने कहा कि पिछले वर्षों से खाद्य सुरक्षा से जुड़ने के लिए लंबित 9 लाख आवेदनों का शीघ्र निस्तारण किया जा रहा है ताकि पात्र व्यक्तियों को खाद्य सुरक्षा मिल सके। प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए स्वीकृत आवेदनों की रेंडम चेकिंग की जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि भविष्य में जिला कलेक्टर को विशेष अपील अधिकार दिए जाएंगे ताकि खाद्य सुरक्षा से वंचित परिवारों को एनएफएसए से जोड़ा जा सके।
खाद्य सुरक्षा के लिए पोर्टल के माध्यम से आवेदन करना अब आसान हो गया है—खाद्य और नागरिक आपूर्ति Minister Sumit Godara ने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा शुरू किए गए पोर्टल से खाद्य सुरक्षा अधिनियम से जुड़ने की प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और सुगम हो गई है। पोर्टल पर आवेदन व्यक्तिगत रूप से या ई मित्र के माध्यम से किया जा सकता है। आवेदन की स्वीकृति प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए त्रिस्तरीय जांच की जाएगी। प्राप्त आवेदन निस्तारण के लिए संबंधित अपीलीय अधिकारी के पास ऑनलाइन जाएगा। अपीलीय अधिकारी उस आवेदन को शहरी क्षेत्रों में नगरीय निकायों के अधिशाषी अधिकारी/आयुक्त या ग्रामीण क्षेत्रों में ब्लॉक विकास अधिकारी के पास जांच के लिए भेजेंगे।
उक्त अधिकारियों द्वारा गठित कमेटी से प्राप्त जांच रिपोर्ट के आधार पर, नाम जोड़ने के संबंध में स्पष्ट निर्णय के साथ प्रकरण अपीलीय अधिकारी को पुनः भेजा जाएगा। इसके बाद, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में नाम जोड़ने या न जोड़ने का निर्णय लिया जाएगा और आवेदन निस्तारित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि विभाग को पोर्टल के माध्यम से लगातार आवेदन मिल रहे हैं, और नए दिशा-निर्देशों के तहत उनका एक माह के अंदर निस्तारण किया जा रहा है। इसके अलावा, ई-मित्र पर आवेदन करने के लिए 50 रुपये का शुल्क लिया जा रहा है। यदि किसी ने इससे अधिक राशि मांगी या विभाग से संबंधित कोई भ्रष्टाचार की शिकायत हो, तो आम जनता हेल्पलाइन नंबर 1800-180-6030 पर शिकायत कर सकती है।
88 प्रतिशत से ज्यादा लोगों की ई-केवाईसी पूरी हो चुकी है
Minister Sumit Godara ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा जी के निर्देशों के तहत अधिकतम लोगों को खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ई-केवाईसी की प्रक्रिया को प्रभावी ढंग से पूरा किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि 28 जनवरी तक खाद्य सुरक्षा से संबंधित 88 प्रतिशत से ज्यादा लोगों की ई-केवाईसी पूरी हो चुकी है। राज्य सरकार ने संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए 70 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों को ई-केवाईसी से छूट दी है। साथ ही, 10 वर्ष से कम आयु के बच्चों को भी इस प्रक्रिया से बाहर रखा गया है।
गिव अप अभियान के तहत 8.38 लाख अपात्र लोगों ने स्वेच्छा से खाद्य सुरक्षा छोड़ दी
Minister Sumit Godara ने बताया कि राज्य सरकार के गिव अप अभियान के तहत अब तक 8.38 लाख से ज्यादा व्यक्तियों ने खाद्य सुरक्षा सूची से अपना नाम स्वेच्छा से हटवाया है। उन्होंने कहा कि यह अभियान 28 फरवरी तक जारी रहेगा। गरीबी रेखा से ऊपर उठ चुके लोग अपनी स्वेच्छा से नाम हटवाने से राज्य सरकार को अधिक पात्र लोगों को खाद्य सुरक्षा प्रदान करने का अवसर मिलेगा। उन्होंने खाद्य सुरक्षा सूची में शामिल सक्षम लोगों से अपील की कि वे गिव अप अभियान में भाग लेकर अपना नाम हटवा लें। यदि वे ऐसा नहीं करते हैं, तो अपात्र परिवारों को पहचान कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। वसूली या अन्य दंडात्मक कार्रवाई से बचने के लिए अपात्र व्यक्तियों को अपना नाम खाद्य सुरक्षा सूची से हटवा लेना चाहिए।
खाद्य सुरक्षा हेतु अपात्र परिवारों की निम्न श्रेणियां—
खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार, ऐसे परिवार खाद्य सुरक्षा योजना के तहत अपात्र माने जाएंगे, जिनमें से किसी भी सदस्य का आयकर दाता होना, किसी सदस्य का सरकारी/अर्द्ध सरकारी/स्वायत्तशासी संस्थाओं में नियमित कर्मचारी होना, या एक लाख रुपये वार्षिक से अधिक पेंशन प्राप्त करना, और जिनके किसी सदस्य के पास चार पहिया वाहन (ट्रैक्टर और एक वाणिज्यिक वाहन को छोड़कर) हो। इसके अतिरिक्त, यदि किसी परिवार के सभी सदस्यों के पास कृषि भूमि लघु कृषक हेतु निर्धारित सीमा से अधिक हो, तो भी वे अपात्र होंगे।
इसके अलावा, ऐसे परिवार जिनकी कुल आय एक लाख रुपये वार्षिक से अधिक हो, जिनके पास ग्रामीण क्षेत्रों में 2000 वर्गफीट से अधिक क्षेत्र में पक्का मकान हो, नगर निगम/नगर परिषद क्षेत्र में 1000 वर्गफीट से अधिक क्षेत्रफल में पक्का आवासीय/व्यावसायिक परिसर हो (कच्ची बस्ती को छोड़कर), या नगर पालिका क्षेत्र में 1500 वर्गफीट से अधिक क्षेत्र में पक्का आवासीय/व्यावसायिक परिसर हो (कच्ची बस्ती को छोड़कर), वे भी खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत अपात्र माने जाएंगे।