Minister of State SP Singh Baghel कल आईआईपीए, नई दिल्ली में हस्तांतरण सूचकांक रिपोर्ट 2022-2023 जारी करेंगे

Minister of State SP Singh Baghel कल आईआईपीए, नई दिल्ली में हस्तांतरण सूचकांक रिपोर्ट 2022-2023 जारी करेंगे


Minister of State : पंचायत हस्तांतरण सूचकांक यह मूल्यांकन करेगा कि पंचायतें कितनी ‘स्वतंत्र’ हैं; ग्रामीण स्थानीय निकायों की स्वायत्तता और सशक्तीकरण संबंधी राज्य रैंकिंग पर प्रकाश डालेगा

Minister of State : भारत में ग्रामीण स्थानीय स्वशासन को और मजबूत करने के एक महत्वपूर्ण प्रयास के तहत, पंचायती राज और मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय राज्य मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल 9 जनवरी, 2025 को भारतीय लोक प्रशासन संस्थान (आईआईपीए), नई दिल्ली में व्यापक हस्तांतरण सूचकांक रिपोर्ट 2022-2023 जारी करेंगे। इस कार्यक्रम में पंचायती राज मंत्रालय के सचिव श्री विवेक भारद्वाज और मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी और आईआईपीए, नई दिल्ली के संकाय सदस्य भाग लेंगे। राज्यों में पंचायतों को हस्तांतरण की स्थितिएक निर्देशात्मक साक्ष्य आधारित रैंकिंग शीर्षक वाली यह रिपोर्ट पंचायती राज संस्थाओं (पीआरआई) को सशक्त बनाने और 73वें संवैधानिक संशोधन के “स्थानीय स्वशासन” के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में भारत की यात्रा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

हस्तांतरण सूचकांक, सावधानीपूर्वक शोध और अनुभवजन्य विश्लेषण का परिणाम है, जो राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में विकेंद्रीकरण की प्रगति के बारे में जानकारी प्रदान करता है । पारंपरिक मापदंडों से परे जाकर यह सूचकांक छह महत्वपूर्ण आयामों का मूल्यांकन करता है जिसमें ढांचा, कार्य, वित्त, कार्यकर्ता, क्षमता निर्माण और पंचायतों की जवाबदेही आदि शामिल है। यह सूचकांक विशेष रूप से मूल्यांकन करता है कि पंचायतें स्वतंत्र निर्णय लेने और उन्हें लागू करने के लिए कितनी स्वतंत्र’ हैं, जो संविधान के अनुच्छेद 243 जी की सच्ची भावना को दर्शाता है। यह अनुच्छेद राज्य विधानसभाओं को ग्यारहवीं अनुसूची में सूचीबद्ध 29 विषयों में पंचायतों को शक्तियां और जिम्मेदारियां सौंपने का अधिकार देता है।

हस्तांतरण सूचकांक सहकारी संघवाद और स्थानीय स्वशासन को मजबूत करने के लिए एक घटक के रूप में कार्य करता है, जिससे राज्यों को सुधार के क्षेत्रों की पहचान करने और अधिक सशक्त और प्रभावी पंचायतों के लिए सर्वोत्तम विधियों को अपनाने में मदद मिलती है। यह पहल विकसित भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप है, जहां विकसित और सशक्त पंचायतें ग्रामीण परिवर्तन की नींव के रूप में काम करती हैं और जमीनी स्तर पर समावेशी विकास तथा सतत विकास को बढ़ावा देती हैं।

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