Minister Jayant Chaudhary ने 100 व्यवसायियों को सम्मानित किया।

संविधान का सम्मान मंत्री महोदय ने भारतीय संविधान की अमिट धरोहर पर भी अपने विचार व्यक्त किए, जो समानता, न्याय और अवसरों की रक्षा करते हुए भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों की मजबूती के लिए आधारभूत भूमिका निभाता है। इस कार्यक्रम में कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (MSDE) के कर्मचारी और उच्च पदस्थ अधिकारियों ने हिस्सा लिया, जिनमें मंत्रालय की संयुक्त सचिव सुश्री हेना उस्मान भी शामिल थीं। इससे पहले शनिवार को, ये 100 उद्यमी प्रधानमंत्री संग्रहालय का दौरा करने पहुंचे थे। यह उत्सव भारत के लिए गर्व का क्षण था, जिसमें सरकारी पहलों की प्रभावशीलता, कुशल कार्यबल की उपलब्धियों और उद्यमिता द्वारा प्रेरित एक उज्जवल और समावेशी भविष्य की संभावना को उजागर किया गया।

संविधान का सम्मान मंत्री महोदय ने भारतीय संविधान की अमिट धरोहर पर भी अपने विचार व्यक्त किए, जो समानता, न्याय और अवसरों की रक्षा करते हुए भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों की मजबूती के लिए आधारभूत भूमिका निभाता है। इस कार्यक्रम में कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (MSDE) के कर्मचारी और उच्च पदस्थ अधिकारियों ने हिस्सा लिया, जिनमें मंत्रालय की संयुक्त सचिव सुश्री हेना उस्मान भी शामिल थीं। इससे पहले शनिवार को, ये 100 उद्यमी प्रधानमंत्री संग्रहालय का दौरा करने पहुंचे थे। यह उत्सव भारत के लिए गर्व का क्षण था, जिसमें सरकारी पहलों की प्रभावशीलता, कुशल कार्यबल की उपलब्धियों और उद्यमिता द्वारा प्रेरित एक उज्जवल और समावेशी भविष्य की संभावना को उजागर किया गया।

Minister Jayant Chaudhary : कुशल श्रमिकों की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ती मांग का उल्लेख किया।

कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (MSDE) के केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और शिक्षा मंत्रालय के Minister Jayant Chaudhary ने 76वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर कौशल भवन में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में भारत के 100 प्रमुख उद्यमियों की सराहना की, जो देश में कौशल निर्माण के क्षेत्र में योगदान दे रहे हैं। भारत सरकार द्वारा आमंत्रित इन उद्यमियों को गणतंत्र दिवस की परेड में विशेष अतिथि के रूप में सम्मानित किया गया, और कौशल भारत मिशन के तहत राष्ट्र के विकास और नवाचार में उनके महत्वपूर्ण योगदान को उजागर किया गया।

इस अवसर पर, श्री चौधरी ने दावोस में विश्व आर्थिक मंच (WEF 2025) की वार्षिक बैठक में वैश्विक व्यापार के प्रमुख व्यक्तित्वों के साथ की गई चर्चाओं से प्राप्त जानकारियों को साझा किया। उन्होंने कहा कि भारत के कुशल श्रमिकों को अब वैश्विक स्तर पर जबरदस्त पहचान मिल रही है और हमारी प्रतिभाओं की सराहना की जा रही है। श्री चौधरी ने यह भी कहा कि वैश्विक कौशल की राजधानी के रूप में हमारा विकास हमारे उत्कृष्टता के प्रति समर्पण का उदाहरण है। दावोस में हुई चर्चा का मुख्य फोकस सतत विकास, उभरती प्रौद्योगिकियां जैसे कृत्रिम बुद्धिमत्ता, और महिलाओं के नेतृत्व में विकास पर था।

भारत का स्टार्ट-अप इकोसिस्टम दुनिया में सबसे बड़ा है, जिसमें 118 यूनिकॉर्न शामिल हैं, जिनकी कुल कीमत 354 बिलियन अमेरिकी डॉलर है। ऐसे स्टार्ट-अप की यह सफलता दूरदर्शी नीतियों, प्रभावी कार्यान्वयन और उद्यमियों की क्षमता से प्रेरित है। इस दौरान सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों की महत्वपूर्ण भूमिका को भी उजागर किया गया, जिसमें 6 करोड़ 30 लाख उद्यम शामिल हैं, जो 11 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार देते हैं। इनका सकल घरेलू उत्पाद में योगदान 30% और निर्यात में 45% है। इसके अलावा, कौशल भारत मिशन के परिवर्तनकारी प्रभाव का उल्लेख करते हुए युवाओं को सशक्त बनाने और आत्मनिर्भरता (आत्मनिर्भर भारत) को बढ़ावा देने में इसकी भूमिका को भी रेखांकित किया गया।

Minister Jayant Chaudhary ने भारत की प्रतिष्ठा को कुशल प्रतिभाओं के स्रोत के रूप में बढ़ाने के लिए उपस्थित उद्यमियों की सराहना की। उन्होंने कहा, “इस राष्ट्रीय समारोह में 100 उद्यमियों की भागीदारी हमारे कौशल संबंधित प्रयासों के प्रभाव को उजागर करती है। इन कार्यक्रमों ने देशभर में लोगों को सशक्त बनाया है, दीर्घकालिक रोजगार सृजन किया है, और दूसरों को उद्यमशीलता की दिशा में प्रेरित किया है।”

उन्होंने राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़ और पूर्वोत्तर जैसे विभिन्न क्षेत्रों से आए इन उद्यमियों के कड़े परिश्रम की भी सराहना की। कार्यक्रम में झारखंड के रामगढ़ के उद्यमी ऋतेंद्र प्रसाद को विशेष सम्मान दिया गया, जिनके पास एवीआईटी चेन्नई से इलेक्ट्रिकल्स और इलेक्ट्रॉनिक्स में स्नातक उपाधि और सौर ऊर्जा क्षेत्र में एक दशक का अनुभव है। उन्होंने राष्ट्रीय उद्यमिता और लघु व्यवसाय विकास संस्थान (NIESBUD) से उद्यमिता विकास कार्यक्रम (EDP) का अध्ययन किया और फिर अपना सौर व्यवसाय शुरू किया।

विशेष रूप से उल्लेखनीय यह है कि इस कार्यक्रम में 9 महिला उद्यमियों सहित पूर्वोत्तर के 16 प्रमुख उद्यमियों को सम्मानित किया गया। इनमें असम के धुबरी जिले की श्रीमती नमिता एम. मारक और उदलगुरी जिले की श्रीमती मंदिरा बगलारी शामिल थीं। इन महिला उद्यमियों को महत्वपूर्ण चुनौतियों के बावजूद अपनी क्षमता का प्रदर्शन करने और सफलता हासिल करने के लिए सम्मानित किया गया। उनकी कहानियां विशेष रूप से ग्रामीण और वंचित क्षेत्रों की महिलाओं के लिए कौशल विकास और उद्यमिता की परिवर्तनकारी शक्ति को उजागर करती हैं।

 

 

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