चिकित्सा मंत्री श्री Gajendra Singh Khinvsar ने शुक्रवार को राज्य विधान सभा में कहा कि उदयपुर ग्रामीण विधान सभा क्षेत्र की जावर ग्राम पंचायत के खनन प्रभावित क्षेत्र के युवाओं की रोजगार समस्या का खान विभाग द्वारा मध्यस्थता कर समाधान का प्रयास किया जाएगा।
श्री खींवसर शून्यकाल में उदयपुर ग्रामीण विधायक श्री फूल सिंह मीणा द्वारा इस सम्बन्ध में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के माध्यम से उठाये गए मामले का जवाब दे रहे थे। उन्होंने बताया कि हिन्दुस्तान जिंक की खदान वर्ष 2030 तक वैध है। उदयपुर ग्रामीण विधान सभा क्षेत्र की 3 ग्राम पंचायतें खनन क्षेत्र में आती हैं। कम्पनी को 3620 हैक्टेयर जमीन आवंटित की गई, जिसमें से 1538 हैक्टेयर जमीन वन विभाग की थी। श्री खींवसर ने बताया कि गांव के लोगों की सहमति से डायवर्जन कर यह जमीन दी गई थी तथा इसे लेकर कम्पनी व ग्रामीणों के बीच रोजगार को लेकर एग्रीमेंट हुआ था।
श्री खींवसर ने बताया कि एग्रीमेंट के अनुरूप हिन्दुस्तान जिंक ने वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटर विकसित किया, जिसमें प्रशिक्षण के बाद क्षेत्र के युवाओं को कम्पनी में रोजगार उपलब्ध करवाया गया। कोविड के दौरान वर्ष 2020 में क्षेत्र के 2500 लोग वहां कार्य कर रहे थे। जबकि, वर्तमान में क्षेत्र के 2700 लोगों को वहां रोजगार मिल रहा है। इस प्रकार, कोविड के बाद रोजगार में महज 200 की संख्या का ही इजाफा हुआ है। उन्होंने बताया कि एक सप्ताह पहले गांव के लोगों ने खनन गतिविधि को रोकते हुए अधिक रोजगार दिए जाने की मांग की। करीब एक सप्ताह धरना चला। तत्पश्चात् हिन्दुस्तान जिंक की याचिका पर उच्च न्यायालय ने धरना हटाने के लिए जिला कलक्टर को निर्देशित किया, जिस पर 31 जुलाई को धरना हटा दिया गया।
श्री खींवसर ने बताया कि हिन्दुस्तान जिंक द्वारा एग्रीमेंट में यह आश्वासन नहीं दिया गया था कि कितने लोगों को रोजगार दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि इस सम्बन्ध में कोई विधि मान्य दस्तावेज होगा तो उसे कोर्ट में प्रस्तुत कर विभाग द्वारा कार्यवाही की जाएगी। साथ ही, विभाग द्वारा प्रयास किया जाएगा कि मध्यस्थता के जरिये हिन्दुस्तान जिंक से सहमति बनाकर अधिक लोगों को प्रशिक्षण देकर रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाये जाएं।
SOURCE: https://dipr.rajasthan.gov.in