Kedarnath Temple: दोपहर 3 बजे से 5 बजे तक ही मंदिर खुला रहता है। इस दौरान मंदिर की सफाई और भोग-अर्चना की जाती है। यात्रियों की संख्या अधिक होने पर भी समय को दो घंटे की जगह एक घंटा ही दिया जाता है।
भक्तों के लिए भगवान केदारनाथ का मंदिर चौबीस घंटे में बीस घंटे खुला रहता है। इस दौरान तीर्थयात्रियों को श्रृंगार, आरती और विशेष पूजा का अवसर मिलता है। इस तरह की व्यवस्थाएं केदारनाथ धाम में उमड़ रहे श्रद्धालुओं के दबाव के कारण की जा रही हैं।
यात्रा के सिर्फ ग्यारह दिनों में 3.19 लाख से अधिक लोगों ने बाबा केदार को देखा है। 20 मई को दर्शन करने वाले यात्रियों की संख्या सबसे अधिक 37,480 थी। बदरी-केदार मंदिर समिति ने केदारनाथ धाम में आने वाले यात्रियों की संख्या को देखते हुए चौबीस घंटे में मंदिर को भक्तों के लिए बीस घंटे खुला रखने का निर्णय लिया है।
दोपहर 3 बजे से 5 बजे तक ही मंदिर खुला रहता है। इस दौरान मंदिर की सफाई और भोग-अर्चना की जाती है। यात्रियों की संख्या अधिक होने पर भी समय को दो घंटे की जगह एक घंटा ही दिया जाता है। मंदिर पुनः पांच बजे भक्तों के लिए खुला रहेगा। इस दौरान 5 से 9 बजे रात तक यात्री देखे जाएंगे।
इस दौरान आरती और श्रृंगार भी देखे जाते हैं। मंदिर समिति ने रात को 15 कर्मचारियों को काम पर लगाया है। सुबह साफ-सफाई करने के बाद पांच बजे से फिर से धार्मिक दर्शन शुरू किए जाते हैं। ऐसे हालात में, केदारनाथ में आने वाले यात्रियों की संख्या रिकॉर्ड बना रही है।
पहले और अब की व्यवस्था में अंतर
1995 में, बीकेटीसी के सूत्रों ने बताया कि मंदिर सुबह 7 बजे लोगों के दर्शन के लिए खुला था। बाद में भीड़ बढ़ने पर यह समय सुबह छह बजे हुआ था, लेकिन आज सुबह पांच बजे है। विशेष पूजाएं भी पहले रात 1 बजे से शुरू होती थी, लेकिन अब 10 बजे से शुरू होती हैं।
केदारनाथ में दर्शन व्यवस्था
सुबह 5 से अपराह्न 3 बजे तक धर्म दर्शन
अपराह्न 3 बजे से 5 बजे तक मंदिर सफाई, भोग व्यवस्था
शाम 5 से पुन दर्शन, 7 बजे तक श्रृंगार दर्शन
शाम 7 से 9 बजे तक श्रृंगार आरती दर्शन
रात्रि 9 से 10 बजे तक मंदिर सफाई व्यवस्था
रात 10 बजे से सुबह 4 बजे तक विशेष पूजाएं
सुबह 4 बजे से 5 बजे तक मंदिर सफाई
केदरनाथ धाम में यह हैं विशेष पूजाएं
केदारनाथ धाम में सुबह चार बजे से रात 10 बजे तक विशेष पूजाएं होंगी। समय की कमी के कारण फिलहाल सिर्फ 15 मिनट की षोडषोपचार पूजा की जा रही है। अन्य पूजाओं के लिए अतिरिक्त समय होने के कारण नहीं हो पा रही है। रुद्राभिषेक पूजा के लिए ४५ मिनट, महाभिषेक के लिए १ घंटे और पंचोपचार के लिए ३० मिनट लगते हैं। यात्रियों की अधिक संख्या के कारण षोडषोपचार पूजा सबसे कम समय लेती है।
पहले भीड़ कम होने से इस तरह होते थे दर्शन
यात्री को केदारनाथ धाम में गर्भगृह में प्रवेश करने में कोई समस्या नहीं हुई। तब तीर्थपुरोहितों ने अपने यात्रियों को गणेश पूजा, गर्भगृह पूजा, स्वयंभू लिंग पूजा, गर्भगृह परिक्रमा, लक्ष्मी नारायण, पंच पांडव पूजा, ईशाणनेश्वर मंदिर पूजा, शंकराचार्य समाधि दर्शन आदि पूजन विधि में शामिल किया। यह व्यवस्था भीड़ कम होने के कारण बेहतर काम करती रही है, लेकिन अब प्रतिदिन रिकार्ड यात्री आने से ऐसा नहीं हो पा रहा है।