IWAI ने वाराणसी में अपना नया क्षेत्रीय दफ्तर खोला।

IWAI ने वाराणसी में अपना नया क्षेत्रीय दफ्तर खोला।


उत्तर प्रदेश में IWAI गतिविधियों को बेहतर ढंग से संचालित करने के लिए नया क्षेत्रीय कार्यालय स्थापित किया जाएगा।

IWAI  : राष्ट्रीय जलमार्ग-1 (एनडब्ल्यू-1), गंगा नदी में अंतर्देशीय जल परिवहन (आईडब्ल्यूटी) गतिविधियों को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए, केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के तहत भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (IWAI ) ने 23 जनवरी, 2025 को वाराणसी में अपने मौजूदा उप-कार्यालय को पूर्ण क्षेत्रीय कार्यालय में बदल दिया है। इस कदम का उद्देश्य उत्तर प्रदेश में आईडब्ल्यूएआई परियोजनाओं और संबंधित कार्यों को बेहतर तरीके से संचालित करना है।

IWAI के पहले से गुवाहाटी (असम), पटना (बिहार), कोच्चि (केरल), भुवनेश्वर (ओडिशा) और कोलकाता (पश्चिम बंगाल) में पांच क्षेत्रीय कार्यालय हैं। अब इसका छठा क्षेत्रीय कार्यालय वाराणसी, उत्तर प्रदेश में स्थापित होगा।

प्रयागराज में स्थित अपने उप-कार्यालय के साथ, वाराणसी क्षेत्रीय कार्यालय उत्तर प्रदेश के अन्य राष्ट्रीय राजमार्गों के अलावा, मझुआ से वाराणसी मल्टी-मॉडल टर्मिनल (एमएमटी) और आगे प्रयागराज तक 487 किलोमीटर के खंड की निगरानी करेगा।

विश्व बैंक द्वारा समर्थित जलमार्ग विकास परियोजना (जेएमवीपी) इसके प्रमुख लक्ष्यों में से एक होगा। जेएमवीपी का मुख्य उद्देश्य वाराणसी में पहले से बने मल्टी-मॉडल टर्मिनल (एमएमटी) के अलावा, नदी संरक्षण कार्यों जैसे बांध निर्माण और ड्रेजिंग के माध्यम से गंगा नदी (एनडब्ल्यू-1) की क्षमता को बढ़ाना है, ताकि क्रूज पर्यटन को बढ़ावा मिल सके और जलमार्ग पर माल परिवहन को सुगम बनाया जा सके। इस परियोजना के तहत गंगा नदी में बेहतर नौवहन के लिए वाराणसी, साहिबगंज और हल्दिया में तीन मल्टी-मॉडल टर्मिनल, कालूघाट में एक इंटर-मॉडल टर्मिनल और पश्चिम बंगाल के फरक्का में एक नया नौवहन लॉक स्थापित किया जा रहा है। इसके अलावा, स्थानीय यात्रियों, छोटे और सीमांत किसानों, कारीगरों और मछुआरा समुदायों के लिए उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के चार राज्यों में एनडब्ल्यू-1 के साथ 60 सामुदायिक जेटी भी बनाए जा रहे हैं।

उत्तर प्रदेश में लगभग 30 नदियां हैं, जिनमें से दस को राष्ट्रीय जलमार्ग घोषित किया गया है। आईडब्ल्यूएआई का वाराणसी क्षेत्रीय कार्यालय न केवल गंगा नदी, बल्कि राज्य की विभिन्न सहायक नदियों और अन्य राष्ट्रीय जलमार्गों पर विकास कार्यों की निगरानी करेगा। इनमें बेतवा, चंबल, गोमती, टोंस, वरुणा, गंडक, घाघरा, कर्मनाशा और यमुना नदियों के कुछ हिस्से शामिल हैं।

वाराणसी क्षेत्रीय कार्यालय राज्य आईडब्ल्यूटी प्राधिकरण के साथ समन्वय करते हुए उत्तर प्रदेश में जलमार्गों के विकास को बढ़ावा देगा।

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल के मार्गदर्शन में, आईडब्ल्यूएआई जलमार्गों को विकास के एक प्रभावी साधन के रूप में स्थापित करने के लिए बुनियादी ढांचे में सुधार कर रहा है। इसके ठोस प्रयासों से आईडब्ल्यूएआई पूरे देश में विस्तार कर रहा है, जिसमें अरुणाचल प्रदेश से लेकर गुजरात, जम्मू-कश्मीर से लेकर केरल तक शामिल हैं। एनडब्ल्यू-1 के अलावा, प्राधिकरण वर्तमान में एनडब्ल्यू-2, एनडब्ल्यू-3 और एनडब्ल्यू-16 की क्षमता बढ़ाने पर भी काम कर रहा है, जिसमें आईडब्ल्यूटी टर्मिनल, एंड-टू-एंड ड्रेजिंग अनुबंधों के माध्यम से फेयरवे, रात्रि नेविगेशन की सुविधा, नेविगेशनल सहायता, नेविगेशनल लॉक आदि का विकास किया जा रहा है।

 

 

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