भारत, विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (WADA) के सहयोग से, 19-22 नवंबर, 2024 तक नई दिल्ली में ग्लोबल लर्निंग एंड डेवलपमेंट फ्रेमवर्क (जीएलडीएफ) परिणाम प्रबंधन प्रशिक्षण की मेजबानी करने के लिए तैयार है। राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) भारत द्वारा वाडा के सहयोग से और जापान स्पोर्ट्स एजेंसी (जेएसए) और जापान डोपिंग रोधी एजेंसी (जेएडीए) के समर्थन से आयोजित यह ऐतिहासिक कार्यक्रम वैश्विक डोपिंग रोधी पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।
चार दिवसीय प्रशिक्षण में मालदीव, म्यांमार, नेपाल, मलेशिया, थाईलैंड, उज्बेकिस्तान, वियतनाम, फिलीपींस, ब्रुनेई, किर्गिस्तान और लाओस सहित 10 से अधिक देशों के एंटी-डोपिंग पेशेवर और विशेषज्ञ भाग लेंगे, साथ ही वाडा, एथलेटिक्स इंटीग्रिटी यूनिट (एआईयू) और बैडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन (बीडब्ल्यूएफ) जैसे अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि भी भाग लेंगे।
जीएलडीएफ प्रशिक्षण, वाडा के क्षमता निर्माण ढांचे के तहत एक आवश्यक पहल है। इसे विभिन्न कार्यक्रम क्षेत्रों में एंटी-डोपिंग चिकित्सकों की तकनीकी विशेषज्ञता को बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किया गया है, यह विशेष रूप से परिणाम प्रबंधन पर केंद्रित है।
प्रतिभागियों को गहन प्रशिक्षण सत्रों से गुजरना होगा जिसमें केस प्रबंधन, न्याय और निर्णय लेने की प्रक्रियाएं तथा विश्व डोपिंग रोधी संहिता और अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुप्रयोग जैसे प्रमुख विषय शामिल होंगे। इन प्रशिक्षणों का उद्देश्य डोपिंग रोधी प्रक्रियाओं को मानकीकृत करना, राष्ट्रों के बीच सहयोग को बढ़ावा देना, तथा वैश्विक खेल अखंडता ढांचे को मजबूत करना है।
भारत में इस आयोजन की मेज़बानी डोपिंग विरोधी आंदोलन में देश की सक्रिय भूमिका को दर्शाती है क्योंकि देश स्वच्छ खेल को बढ़ावा देने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग का समर्थन करना जारी रखे हुए है। निष्पक्ष और डोपिंग मुक्त खेल वातावरण सुनिश्चित करने में बढ़ती चुनौतियों के साथ, विभिन्न कार्यक्रम क्षेत्रों में वाडा जीएलडीएफ प्रशिक्षण भाग लेने वाले देशों के डोपिंग विरोधी चिकित्सकों के बीच ज्ञान के आदान-प्रदान और क्षमता वृद्धि के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करता है।