परीक्षा नजदीक आते ही बच्चों में टेंशन बढ़ने लगती है, ऐसे में बाबा रामदेव ने Exam Phobia से बचने के कुछ खास उपाय बताए हैं। जानिए कैसे योग और सही दिनचर्या अपनाकर इस तनाव को दूर किया जा सकता है।
कम उम्र में बढ़ता एग्जाम स्ट्रेस, 25 की उम्र तक पहुंचते ही बन सकता है गंभीर बीमारी का कारण
स्कूली दिनों में परीक्षा का डर बच्चों में कम उम्र में ही हाइपरटेंशन जैसी समस्या पैदा कर रहा है। इसका असर आगे चलकर 25 साल की उम्र तक पहुंचते-पहुंचते दिल और किडनी से जुड़ी बीमारियों के रूप में देखने को मिलता है। ऐसे में जानिए बाबा रामदेव के खास टिप्स, जो परीक्षा के डर को कम करने में मदद कर सकते हैं।
बोर्ड एग्जाम का दबाव: कैसे करें मैनेज, जानें पीएम मोदी और बाबा रामदेव के टिप्स
ज़िंदगी हर मोड़ पर इम्तिहान लेती है, लेकिन पहला बड़ा अनुभव हमें बोर्ड एग्जाम से होता है। इस दौरान अच्छा प्रदर्शन करने और अधिक अंक लाने का दबाव इतना बढ़ जाता है कि कई बार छात्र तनाव से जूझने लगते हैं। यही वजह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी बच्चों से यह कहना पड़ा कि “जीवन बोलना चाहिए, मार्क्स नहीं।” उनका मानना है कि जो खुद से प्रतिस्पर्धा करता है, उसका आत्मविश्वास कभी नहीं टूटता।
हालांकि, माता-पिता, शिक्षक और कई बार छात्र भी इस दबाव को समझ नहीं पाते। अधिक नंबर पाने की होड़ में वे इस बात का एहसास ही नहीं कर पाते कि कब परीक्षा का डर उन पर हावी हो गया। परिणामस्वरूप, मानसिक तनाव इतना बढ़ जाता है कि कुछ छात्र इसे सहन नहीं कर पाते और गलत फैसले ले बैठते हैं। यही कारण है कि परीक्षा से पहले पीएम मोदी छात्रों का मनोबल बढ़ाने के लिए परीक्षा पे चर्चा के माध्यम से उनके साथ संवाद करते हैं, उनकी परेशानियां सुनते हैं और अपने अनुभवों से उन्हें सही दिशा दिखाते हैं।
एग्जाम स्ट्रेस के कारण बढ़ रही बीमारियां
बोर्ड परीक्षाओं का डर कई बच्चों को कम उम्र में ही हाइपरटेंशन का शिकार बना रहा है। इसका असर आगे चलकर दिल और किडनी से जुड़ी बीमारियों के रूप में सामने आता है। यही वजह है कि 25 से 40 वर्ष की उम्र के बीच हार्ट अटैक, किडनी फेलियर और ब्रेन हैमरेज जैसी समस्याओं के मामले बढ़ रहे हैं।
इसी तनाव को कम करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने छात्रों को हेल्दी डाइट और मेडिटेशन को अपने रूटीन में शामिल करने की सलाह दी, जो कि योगगुरु बाबा रामदेव भी लगातार बताते हैं।
Exam Phobia के लक्षण
- चिड़चिड़ापन
- अनावश्यक गुस्सा
- घबराहट और निराशा
- ध्यान केंद्रित करने में परेशानी
- याद की हुई बातें भूल जाना
- परीक्षा से बचने की कोशिश
- नकारात्मक सोच
Exam Phobia के कारण
- परीक्षा और परिणाम को लेकर अत्यधिक दबाव
- तैयारी का अधूरा होना
- रिवीजन की कमी
- आत्मविश्वास की कमी
पीएम मोदी के सक्सेस मंत्र
- “खेलेंगे नहीं, तो खिलेंगे नहीं।”
- अपनी तैयारी पर भरोसा रखें
- खुद को सकारात्मक रूप से प्रेरित करें
- दूसरों से नहीं, खुद से प्रतिस्पर्धा करें
- शिक्षक छात्रों से संवाद बढ़ाएं
- परीक्षा के दौरान घबराएं नहीं, क्योंकि घबराहट से गलतियां होती हैं
- पढ़ाई के साथ खेलकूद में भी संतुलन बनाए रखें
- तकनीक का सही तरीके से इस्तेमाल करें
परीक्षा जीवन का सिर्फ एक हिस्सा है, न कि पूरा जीवन। सही रणनीति, संतुलित जीवनशैली और सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाकर परीक्षा के डर को दूर किया जा सकता है। पीएम मोदी और बाबा रामदेव की सलाहों को अपनाकर छात्र बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं और मानसिक रूप से स्वस्थ रह सकते हैं।