मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लंबित शिकायतों को 15 दिन के भीतर हल करने का आदेश दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर जन शिकायतों के निस्तारण में देरी हुई तो कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सीएम हेल्प लाइन पर आई सभी शिकायतों को तुरंत हल करने का आदेश दिया। उनका कहना था कि लापरवाही करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी। सीएम ने कहा कि पिछले एक महीने में सीएम हेल्पलाइन पोर्टल को लॉगइन नहीं करने वाले अफसरों को रिपोर्ट करना चाहिए।
जवाब नहीं देने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। सीएम ने ब्लाक स्तर पर बीडीसी बैठकों में जिला स्तरीय अधिकारियों को भी उपस्थित करने की मांग की। डीएम-सीडीओ को भी हर बैठक में शामिल होने की कोशिश करनी चाहिए।
गुरुवार को दिल्ली स्थित उत्तराखंड सदन से ऑनलाइन चर्चा करते हुए, मुख्यमंत्री ने सभी लंबित शिकायतों को 15 दिन के भीतर हल करने को कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर जन शिकायतों का समाधान देने में देरी होती है तो संबंधित विभाग के सचिव और एचओडी भी जिम्मेदार होंगे।
मुख्यमंत्री ने शिकायतों को 180 दिन से अधिक समय से लंबित रखने वाले विभागों के अधिकारियों से गहरी नाराजगी व्यक्त की। सीएम हेल्पलाइन मॉड्यूल के अनुसार नियमित प्रशिक्षण दिया जाए। मुख्यमंत्री ने सभी डीएम को बीडीसी बैठकों के लिए अधिकारियों की ड्यूटी रोस्टर बनाने का आदेश दिया।
तहसील दिवस भी नियमित होना चाहिए। इस मौके पर सीएम हेल्पलाइन का WhatsApp चैटबोट भी शुरू किया गया। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, एसीएस आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगोली और दिलीप जावलकर बैठक में उपस्थित थे।
विभाग लंबित शिकायतें
शहरी विकास 646
गृह विभाग 475
राजस्व विभाग 353
ऊर्जा विभाग 281
कार्मिक-सतर्कता 280
माध्यमिक शिक्षा 251
कुमाऊं विवि 226
आपदा प्रबंधन प्रा. 220
जल संस्थान 220
हेलो, मैं पुष्कर सिंह धामी हूँ।
मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान सीएम हेल्पलाइन पर प्राप्त शिकायतों के सात आवेदकों से फोन पर बातचीत की और उनकी शिकायतों के बारे में जानकारी ली। तीन लोगों की समस्या हल हो गई है। जबकि चार को जल्द ही समाधान का आश्वासन दिया।
मुख्मंत्री पुष्कर सिंह धामी,तहसील दिवस और बीडीसी बैठक जनसमस्याओं को जानने और हल करने के लिए प्रभावी मंच हैं। जनशिकायतों पर सर्वोच्च प्राथमिकता से कार्रवाई करने वाले अधिकारी इनमें शामिल हों। CM पोर्टल पर दर्ज शिकायतों को प्राथमिकता से हल किया जाए। लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। साथ ही, समय पर समाधान नहीं करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।