Health Benefits Of Halasana: रोजाना अभ्यास करने से आप सिर से पैर तक की कई समस्याओं को दूर कर सकते हैं। अंग्रेजी में हलासन को प्लो पोज कहा जाता है।
यदि आप बढ़ते वजन को नियंत्रित करने के साथ चेहरे को सुंदर बनाना चाहते हैं, तो हलासन को अपने रूटीन में शामिल करना शुरू कर दीजिए। हलासन पाचन क्रिया में सुधार करके गैस, कब्ज, पेट में ऐंठन और मल त्याग में परेशानी जैसी समस्याओं को ठीक करने में मदद करता है। हलासन का नियमित अभ्यास मधुमेह, तनाव, उच्च रक्तचाप और मांसपेशियों में तनाव जैसी समस्याओं से भी निपटने में मदद कर सकता है। आसान शब्दों में, हलासन अभ्यास को हर दिन करने से आप सिर से पैर तक की कई समस्याओं को दूर कर सकते हैं। अंग्रेजी में हलासन को प्लो पोज कहा जाता है। आइए जानते हैं रोजाना हलासन का अभ्यास करने से सेहत को मिलते हैं क्या-क्या फायदे।
हलासन के फायदे
मोटापा
बढ़ते वजन और पेट की चर्बी को कम करने के लिए हलासन बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है। हलासन के नियमित अभ्यास से पेट की अतिरिक्त चर्बी तेजी से कम होने लगती है। बता दें, हलासन करने के बाद कुछ सेकेंड तक उसी अवस्था में बने रहे तभी इसका ज्यादा फायदा मिलेगा।
कमर दर्द रखें दूर
ऑफिस में लगातार 8 से 10 घंटे बैठकर काम करने से कई बार लोगों को कमर दर्द की शिकायत रहने लगती है। ऐसे में इस समस्या से राहत दिलाने में हलासन बेहद फायदेमंद हो सकता है। लगातार इस आसन का अभ्यास कमर दर्द की समस्या से छुटकारा दिला सकता है।
मजबूत पाचन तंत्र
हलासन के नियमित अभ्यास से पाचन तंत्र मजबूत बनता हैं। हलासन करने से पेट की मांसपेशियों पर खिंचाव पड़ता हैं, जिससे वो मजबूत होती हैं और पेट से जुड़ी परेशानियां जैसे गैस,एसिडिटी,अपच व कब्ज दूर होने लगती हैं।
चेहरे का ग्लो
हलासन का अभ्यास करते समय खून का बहाव चेहरे की तरफ ज्यादा रहता है, जिसकी वजह से चेहरे तक ब्लड का सर्कुलेशन और ऑक्सीजन का फ्लो बेहतर होता है। नतीजतन, चेहरे का ग्लो बढ़ता है, चेहरे की स्किन टाइट बनी रहती हैं और झुर्रियों की समस्या दूर होती है।
इम्यूनिटी बूस्ट करता है
थायरॉयड ग्रंथि को उत्तेजित करके प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबत बनाए रखने में मदद करता है। इतना ही नहीं यह आसन रजोनिवृत्ति के दौरान महिलाओं की सेहत को भी बेहतर बनाए रखने में मदद करता है।
हलासन कैसे करें
हलासन करने के लिए सबसे पहले योगा मैट पर पीठ के बल सीधे लेट जाएं। इसके बाद अपनी बाजुओं को अपने शरीर के बगल में रखें, हथेलियां नीचे की ओर रखें। अब गहरी सांस लेते हुए अपने पैरों को फर्श से 90 डिग्री के कोण तक उठाएं। ऐसा करते हुए अपने कूल्हों को जमीन से ऊपर उठाने के लिए अपने पेट की मांसपेशियों का उपयोग करें। ऐसा करते हुए अपने पैरों को ऊपर की ओर लाएं। जैसे ही आपके पैर आपके सिर से आगे बढ़ें, अपनी पीठ को अपने हाथों से सहारा दें। धीरे-धीरे अपने पैरों को नीचे लाएं। ऐसा तब तक करें जब तक कि आपके पैर की उंगलियां आपके सिर के पीछे फर्श को न छू जाएं। यदि आपके पैर की उंगलियां फर्श तक नहीं पहुंचती हैं, तो अपने पैरों को हवा में रखते हुए आरामदायक स्थिति बनाए रखें। अब अपनी पीठ को फर्श से सीधा रखें और अपनी ठुड्डी को अपनी छाती से सटा लें। ऐसा करते हुए गहरी सांस लें और इस मुद्रा में जब तक आरामदायक हो तब तक बने रहें। इसके बाद अपनी पुरानी पोजीशन में वापस आ जाएं।