HARYANA Weather Change : दिल्ली, पंजाब और हरियाणा भी खराब हवा है। किसानों को सीधा नुकसान होगा, क्योंकि इसका सीधा असर सब्जियों और फलों की खेती पर पड़ेगा। आइए कैसे और क्यों?
HARYANA Weather Change : अब पंजाब और हरियाणा में बदलते मौसम, घनी धुंध और वायु प्रदूषण से सब्जियों की पैदावार प्रभावित होने लगी है। हरियाणा में पंजाब से अधिक AQI है। झज्जर और रोहतक में बहुत अधिक प्रदूषण है। AQI लेवल 400 कई बार छू गया है। बादल और धुएं का मिश्रण धूप को कम ही दिखाता है।
पंजाब में भी धूप कम है। इसका सीधा असर सब्जियों पर है, क्योंकि सर्दी के मौसम में जितनी अधिक धूप पड़ेगी, उतनी अधिक सब्जियों की ग्रोथ होगी। सब्जियों पर धूप जितनी कम पड़ेगी, उतनी कम ग्रोथ होगी। इस सीजन में पंजाब और हरियाणा में आलू, गोभी, मटर और टमाटर की खेती होती है, लेकिन धूप की कमी के कारण इन सब्जियों की ग्रोथ बहुत धीमी हो गई है।
सब्जियों की ग्रोथ और साइज पर अधिक प्रभाव
धुंध और ओस को छोड़कर, सब्जियां वायु प्रदूषण का सबसे बुरा शिकार हैं क्योंकि धूल और धूल के कण उन पर गिरते हैं। ऊपर से ओस गिरती है, जो उनकी ग्रोथ पर असर डालती है। जब पतों पर कण जम जाते हैं, तो वे सूर्य की रोशनी को पूरी तरह से ढक लेते हैं, जिससे आलू की फसल अधिक प्रभावित हुई है। नुकसान हो सकता है। पौधे का विकास रुक जाएगा।
सितंबर में अधिकांश किसान आलू की फसल बो देते हैं। फसल नवंबर के आखिर में तैयार हो जाती है, लेकिन इस बार बीजा गया आलू उतना मोटा नहीं हुआ, जितना होना चाहिए था। अभी तक इसका आकार 19 से 24 MM ही बनाया गया है। इसका साइज दिसंबर के मध्य तक पूरा होने का अनुमान है। इसी तरह, गोभी की फसल भी मौसम से सीधे प्रभावित होती है। 70-75 दिन में तैयार हुई फसल 85-90 दिन लेती है।
कीनू और अमरुद की फसल भी प्रभावित होगी
किसानों का कहना है कि पहले लगाई गई गोभी की फसल और बाद में लगाई गई फसल दोनों पूरी तरह से तैयार हो जाएंगी अगले कुछ दिन धूप पूरी तरह खिलकर चमकेगी। दोनों फसलें एक साथ तैयार हो जाएंगी और गोभी की फसल बाजार में बेची जाएगी। किसान को सीधा नुकसान होने की आशंका है और इसका सीधा असर कीमतों पर पड़ेगा।
ऐसा ही मौसम पत्तेदार सब्जियों, मटर, कद्दू, खीरा, हरी मिर्च, टमाटर, पेठा, घिया और मटर पर भी होता है। यही हाल फलों का है: पंजाब और हरियाणा में कीनू और अमरूद की बहुतायत होती है, लेकिन मौसम इन दोनों फसलों को मार रहा है। दोनों फलों की फसल इस बार खराब हो सकती है, अगर मौसम और वायु प्रदूषण आने वाले कुछ दिनों में यही रहा तो किसानों को नुकसान उठाना पड़ सकता है।