कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EFPO) ने नई दिल्ली के डॉ. अंबेडकर अंतरराष्ट्रीय केंद्र में आयोजित एक भव्य समारोह के साथ अपना 72वां स्थापना दिवस मनाया। इस कार्यक्रम का उद्घाटन केंद्रीय श्रम एवं रोजगार और युवा मामले एवं खेल मंत्री, डॉ. मनसुख मंडाविया ने किया। इस अवसर पर श्रम एवं रोजगार सचिव, सुश्री सुमिता डावरा, केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त (सीपीएफसी) श्री रमेश कृष्णमूर्ति, ईएसआईसी के महानिदेशक, श्री अशोक कुमार सिंह और ईपीएफओ के केंद्रीय न्यासी बोर्ड के सदस्य भी मौजूद थे।
इस अवसर पर ईपीएफओ की समृद्ध विरासत तथा देश भर में लाखों सदस्यों को सामाजिक सुरक्षा और वित्तीय स्थिरता प्रदान करने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका का जश्न मनाया गया।
अपने मुख्य भाषण में, डॉ. मांडविया ने ईपीएफओ की परिवर्तनकारी यात्रा की सराहना की, इसके सदस्यों की विशाल बचत निधि के प्रबंधन और पूरे देश में सामाजिक सुरक्षा प्रावधानों को बढ़ाने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। केंद्रीय मंत्री ने मजबूत आईटी प्लेटफॉर्म, प्रभावी शिकायत निवारण प्रणाली और सदस्य-केंद्रित सेवा वितरण मॉडल के कार्यान्वयन के महत्व को रेखांकित किया।
डॉ. मांडविया ने ईपीएफओ के कर्मचारियों से संगठन के नारे “हम हैं ना” को आत्मसात करने का आह्वान किया, जो उन्हें प्रतिदिन लोगों की सेवा करने के अपने कर्तव्य की याद दिलाता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि सच्ची सेवा का मापदंड यह है कि कर्मचारी जरूरतमंदों की मदद करने या उनकी समस्याओं का समाधान करने में कितना प्रभाव डालते हैं।
इसके अलावा, उन्होंने पेंशन कवरेज बढ़ाने के साथ सेवाओं की अंतिम छोर तक पहुंच सुनिश्चित करने पर जोर दिया। उन्होंने ईपीएफओ के अधिकारियों और कर्मचारियों से सदस्यों को दी जाने वाली सेवा में ईमानदारी, समर्पण, सहानुभूति और व्यावसायिकता के उच्चतम मानकों को बनाए रखने का आह्वान किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि संगठन के भीतर निरंतर कौशल वृद्धि और क्षमता निर्माण के प्रयास उभरती चुनौतियों के अनुकूल होने और सेवा वितरण में सुधार करने के लिए सर्वोपरि हैं।
श्रम एवं रोजगार सचिव सुश्री सुमिता दवड़ा ने इस अवसर पर सभी पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं को बधाई दी और संगठन के मिशन में उनके उत्कृष्ट योगदान की सराहना की। उन्होंने ईपीएफओ के अधिकारियों और कर्मचारियों से आग्रह किया कि वे बजट 2024-2025 में घोषित एम्प्लॉइज लिंक्ड इंसेंटिव (ईएलआई) योजना के प्रभावी कार्यान्वयन, प्रचार-प्रसार और निगरानी के लिए सर्वोत्तम तरीके से काम करें।
अपने स्वागत भाषण में केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त (सीपीएफसी) ने बताया कि योगदान करने वाले प्रतिष्ठानों की संख्या 7.8 लाख से अधिक हो गई है, जबकि योगदान करने वाले सदस्यों की संख्या 7.6 करोड़ को पार कर गई है। उन्होंने देश के कार्यबल की सेवा करने के प्रति ईपीएफओ की प्रतिबद्धता को दोहराया और सभी सदस्यों के लिए सामाजिक सुरक्षा और आर्थिक सशक्तिकरण के ईपीएफओ के विजन को पूरा करने के लिए सामूहिक प्रयासों पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आईटी डेटाबेस के केंद्रीकरण और संशोधित इलेक्ट्रॉनिक चालान-कम-रिटर्न जैसी सुधार पहल ईपीएफओ को तकनीकी रूप से सशक्त बनाएंगी।
समारोह में केंद्रीय श्रम एवं रोजगार, युवा मामले एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया द्वारा निम्नलिखित श्रेणियों में भविष्य निधि पुरस्कार, 2024 भी प्रदान किए गए: –
- सर्वश्रेष्ठ क्षेत्रीय कार्यालय (बड़ा) – आरओ रायपुर
- सर्वश्रेष्ठ क्षेत्रीय कार्यालय (छोटा) – आरओ रोहतक
- सर्वश्रेष्ठ जिला कार्यालय – डीओ पलक्कड़
- सर्वश्रेष्ठ दूरस्थ कार्यालय – आरओ पोर्ट ब्लेयर
- सर्वश्रेष्ठ क्षेत्रीय कार्यालय – जेडओ तेलंगाना
- शिकायत प्रबंधन में सर्वश्रेष्ठ कार्यालय – आरओ हैदराबाद (बरकतपुरा)
- सक्रिय निपटान में सर्वश्रेष्ठ कार्यालय – आरओ अहमदाबाद
- जीवन प्रमाण में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन – आरओ तिरुनेलवेली
- सर्वश्रेष्ठ एनएएन 2.0 अभियान – आरओ दिल्ली (पूर्व)
- भविष्य निधि स्वच्छता पुरस्कार 2024 – आरओ राजामहेंद्रवरम
- सर्वश्रेष्ठ नवाचार – आरओ हुबली
- सर्वश्रेष्ठ तकनीकी हस्तक्षेप – श्रीमती सत्यभामा, जेडी (आईएस)
- क्षमता निर्माण में सर्वश्रेष्ठ उपलब्धि – श्री गौरव श्रीवास्तव, श्री अल्तमश अली, श्री नवीन जुनेजा, श्रीमती अर्चना जानू, श्री नदीम अहमद, श्री निकुंज मीना, श्री सौरभ कुमार
- सर्वश्रेष्ठ छूट प्राप्त ट्रस्ट – मेसर्स रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (MH/BAN/1543600X)
- उत्कृष्ट खेल उपलब्धियाँ – ज़ेडओ चेन्नई और पुदुचेरी
- वर्ष की सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी – महिला – सुश्री राधिका गुप्ता, एसएसएसए, आरओ कांदिवली पूर्व
- वर्ष का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी – पुरुष – श्री क्लेमेंट ऑगस्टाइन, एसएसएसए, आरओ कोट्टायम और श्री पी. शिव कुमार, एसएसएसए, आरओ चेन्नई उत्तर
डॉ. मनसुख मंडाविया ने पुरस्कार विजेताओं को बधाई दी और बेहतर सेवा वितरण के लिए उनके अच्छे तरीकों को सीखने और उनका अनुकरण करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने आगे कहा कि “विकसित भारत” का विजन और नागरिकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए विकसित भारत में ईपीएफओ की भूमिका को और बढ़ाने की आवश्यकता है।
72वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में कई महत्वपूर्ण विमोचन किए गए, जिनमें लाभार्थियों की अनुभव पुस्तिका “एक टुकड़ा मुस्कान” शामिल है, जिसमें ईपीएफओ सदस्यों के प्रभावशाली आख्यान, राज्य प्रोफ़ाइल पुस्तिका 2024, पेंशन और ईडीएलआई मैनुअल और ईपीएफओ न्यूज़लैटर का वार्षिक संकलन शामिल है। ‘आद्यातन’ नामक एक कानूनी बुलेटिन का भी अनावरण किया गया। दर्शकों को एक वीडियो प्रस्तुति भी दिखाई गई, जिसमें ईपीएफओ की दशकों लंबी यात्रा और उपलब्धियों का वर्णन किया गया।
स्थापना दिवस समारोह में ईपीएफओ के कर्मचारियों, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के अधिकारियों, बहुपक्षीय संस्थाओं के प्रतिनिधियों, बैंकों और मीडियाकर्मियों सहित 700 से अधिक अतिथियों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम में देशभर के ईपीएफओ के सभी कार्यालयों के लगभग 8,000 अधिकारी और कर्मचारी वर्चुअल रूप से शामिल हुए।
दिनभर का समारोह ईपीएफओ कर्मचारियों द्वारा आयोजित सांस्कृतिक प्रदर्शन के साथ संपन्न हुआ, जो संगठन की विविधतापूर्ण और समावेशी संस्कृति को दर्शाता है। इन प्रदर्शनियों ने ईपीएफओ के कर्मचारियों की रचनात्मकता और उत्साह को प्रदर्शित किया, जिससे उपस्थित लोगों के बीच सामूहिकता और गर्व का एहसास और भी मजबूत हुआ। औपचारिक कार्यक्रम का समापन धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ।