Air Pollution से सेहत और प्रजनन अंगों पर प्रभाव

Effects of air pollution on health and reproductive organs

Air Pollution : वर्तमान समय में शोर और प्रदूषण दो सबसे बड़ी समस्याएं बन गए हैं। इन दोनों कारणों से पुरुषों और महिलाओं की प्रजनन क्षमता प्रभावित होती है। नई खोजों को जानें।

Air Pollution : दिल्ली और NCR सहित देश भर में प्रदूषण बढ़ा है। दिल्ली का हवा प्रदूषण अब काफी कम हुआ है। PM2.5 के छोटे कण हमारे शरीर को गंभीर नुकसान पहुंचा रहे हैं। इससे सांस की बीमारी हो सकती है। लोगों पर प्रभाव पड़ता है। इसके अतिरिक्त, कई तरह की एलर्जी भी हो सकती है। एक नवीनतम अध्ययन ने पाया कि महिलाओं और पुरुषों में फर्टिलिटी की समस्या प्रदूषण और कार से निकलने वाले शोर से बढ़ी है। आइए रिसर्च के बारे में सब कुछ जानें।

परीक्षण क्या बताता है?

Indian Express की एक रिपोर्ट के अनुसार, 37 से 45 वर्ष के पुरुषों में इनफर्टिलिटी की समस्या अधिक होती है। वहीं, 35 वर्ष से अधिक आयु की महिलाओं में नॉइस पॉल्यूशन के कारण प्रजनन क्षमता कम होती है।Air Pollution  , स्वास्थ्य अध्ययनों ने पाया कि आज के समय में प्रदूषण और शोर दोनों ही तेजी से बढ़ने वाली समस्याएं बन गए हैं, जो न केवल हमारे पर्यावरण और सेहत पर असर डाल रहे हैं, बल्कि प्रजनन क्षमता को भी बुरी तरह प्रभावित कर रहे हैं। कपल्स का माता-पिता बनने का सपना भी इस वजह से धीरे-धीरे छीन सकता है।

इन्फर्टिलिटी एक विश्वव्यापी समस्या है

Air Pollution  ,साथ ही, अध्ययन ने बताया कि इनफर्टिलिटी दुनिया में धीरे-धीरे बढ़ती जा रही एक नई समस्या है। यह भी एक मेडिकल हेल्थ समस्या है, जिसका इलाज भी मुश्किल है, जैसा कि अन्य बीमारियां हैं। इसका कारण समय के साथ पर्यावरण खराब होना है। पॉल्यूशन में मौजूद हानिकारक कणों से हमारी सेहत और प्रजनन अंगों दोनों प्रभावित होते हैं।

क्या कारण है?

Air Pollution  ,डॉ. सूरी राजू वी, बेंगलुरु के रीगल सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल के सीनियर कंसल्टेंट यूरोलॉजिस्ट, बताते हैं कि सांस के माध्यम से प्रदूषण के बहुत छोटे पीएम2.5 कण हमारे शरीर में प्रवेश करते हैं। यह कण हमारे ब्लड सेल्स में भी घुस जाते हैं, जो ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस को बढ़ाता है, जिससे पुरुषों में इनफर्टिलिटी होती है। दरअसल, ये छोटे कण पुरुषों की स्पर्म संख्या को प्रभावित करते हैं, जिससे उनकी गुणवत्ता और संख्या में कमी आती है।

नॉइस पॉल्यूशन भी एक महत्वपूर्ण समस्या है

Researchers ने पाया कि लंबे समय तक शोर के संपर्क में रहने से हमारे तंत्रों में बदलाव होता है, जो प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकता है। दरअसल, महिलाओं में शोर से क्रोनिक स्ट्रेस बढ़ता है। ध्वनि प्रदूषण भी महिलाओं की नींद को प्रभावित करता है, जो इस समस्या को बढ़ा रहा है।

स्वीकृति: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले, विशेषज्ञों से सलाह अवश्य लें।

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