Education Minister Madan Dilawar ने विमुक्त, घुमन्तु, अर्ध घुमन्तु जनजातियों से संवाद किया

Education Minister Madan Dilawar ने विमुक्त, घुमन्तु, अर्ध घुमन्तु जनजातियों से संवाद किया

Education Minister Madan Dilawar

Education Minister Madan Dilawar ने गुरुवार को विमुक्त, घुमन्तु और अर्ध-घुमन्तु जनजातियों के सदस्यों से कोटा में संवाद किया। उन्होंने कहा कि इन जनजातियों का राष्ट्रीय स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण योगदान  है और स्वतंत्र भारत इनके योगदान का सदैव ऋणी रहेगा। उन्होंने घुमन्तु जनजातियों के उज्ज्वल इतिहास की प्रशंसा की और कहा कि इनकी समस्याओं के समाधान के लिए सरकार गंभीर और संवेदनशील है।
मंत्री श्री दिलावर ने संवाद के दौरान घुमन्तु और अर्ध-घुमन्तु जनजातियों से व्यक्तिगत रूप से उनकी समस्याएं सुनीं। संवाद में सामने आया कि अधिकतर प्रसव घरों पर होते हैं, जिससे जन्म प्रमाण पत्र बनवाने में कठिनाई होती है। इस पर मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा गर्भवती महिलाओं और नवजात बच्चों का नियमित सर्वेक्षण कराया जाता है, जिससे इन समुदायों को सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा घुमंतु, अर्ध घुमंतू जनजातियों के जिन लोगों के पास आवासीय भूखंड नहीं है, सरकार उनको रियायती दरों पर भूखंड दिलवाना सुनिश्चित करेगी। उन्होंने कहा कि  परिचय पत्र के अभाव में घुमंतु, अर्ध घुमंतू जनजातियों के लोगों को  महत्वपूर्ण योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता जो की बेहद दुखद है। उन्होंने कहा की घुमंतु, अर्ध घुमंतु जनजाति के लोग भारत के सम्माननीय नागरिक हैं एवं उनको हर योजना का लाभ मिलना चाहिए । उन्होंने कहा कि इसके लिए पहचान पत्र बनाने संबंधी विभिन्न कार्यों को गति दी जा रही है ताकि यह सुविधा घुमंतू जनजातियों को सरलता से उपलब्ध हो सके जिससे उनका जीवन सरल एवं सुगम बन सके।
उन्होंने यह भी कहा कि वन विभाग की जमीन पर पट्टे देना संभव नहीं है लेकिन अन्य स्थानों पर इन जनजातियों को पट्टे देने का काम किया जाएगा। जाति प्रमाण पत्र बनवाने में आ रही कठिनाइयों पर मंत्री ने कहा कि संबंधित अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि घुमन्तु और अर्ध-घुमन्तु जनजातियों के प्रमाण पत्र समय पर दिए जाएं।
श्री दिलावर ने कहा कि प्रदेश सरकार इन समुदायों को मुख्यधारा में लाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है और उनकी समस्याओं का शीघ्र समाधान किया जाएगा। कार्यक्रम में हाड़ौती क्षेत्र के कोटा, बूंदी, बारां और झालावाड़ से कालबेलिया, रायका, नट, बंजारा, कंजर आदि जनजातियों के लगभग 1500 लोगों ने भाग लिया।
इस कार्यक्रम में जिला प्रमुख श्री मुकेश मेघवाल, श्री प्रभुलाल जी कालबेलिया,  श्री कालूलाल जी बंजारा, गाडिया लौहार प्रमुख श्री घासीलाल,  डॉ. विपिन योगी, श्री लक्ष्मण सिंह राइका, श्री जगदीश बागरी,  श्री रामगोपाल भी उपस्थित रहे।
इस अवसर पर  सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी एवं कार्मिक उपस्थित रहे।
source: https://dipr.rajasthan.gov.in

 

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