Dr. Samit Sharma : नए वर्ष में पशु चिकित्सा संस्थानों को बेहतर बनाने के लिए नवाचारों की शुरूआत

Dr. Samit Sharma : नए वर्ष में पशु चिकित्सा संस्थानों को बेहDr. Samit Sharma : नए वर्ष में पशु चिकित्सा संस्थानों को बेहतर बनाने के लिए नवाचारों की शुरूआत

Dr. Samit Sharma : स्वस्थ प्रतिस्पर्द्धा विकसित करने के लिए पशु चिकित्सा संस्थानों को दी जाएगी रैंकिंग शुरु की जाएगी ग्रेडिंग प्रणाली

पशुपालन सचिव Dr. Samit Sharma ने कहा है कि 1 जनवरी 2025 से विभाग में तीन नई व्यवस्थाएं लागू की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि पशुपालकों को पशुपालन विभाग के टीकाकरण, कृत्रिम गर्भाधान जैसे सबसे महत्वपूर्ण कार्यक्रमों की प्रभावी मॉनिटरिंग करने के लिए सभी संभागों और जिलों के लिए मुख्य निष्पादन सूचकांक यानी परफॉरमेंस इंडिकेटर बेस्ड मासिक रिपोर्ट कार्ड तैयार की जाएगी जिससे योजनाओं का बेहतर संचालन हो सके, समय पर समस्याओं का पता लगाया जाकर उनका निराकरण किया जा सके।
वे बुधवार को टोंक रोड स्थित पशुधन भवन में नव वर्ष के अवसर पर विभाग के अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। Dr. Samit Sharma ने विभाग के अधिकारियों को नव वर्ष की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हमें विभाग के लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करते हुए अनुशासन और समयबद्धता के साथ आगे बढ़ना है और उत्कृष्ट राजकीय सेवाएं हमारे लाभार्थियों तक पहुंचाने का प्रयास करना है।
Dr. Samit Sharma ने बताया कि विभाग के वेटरिनरी संस्थाओं जैसे पॉलीक्लिनीक, वेटरिनरी चिकित्सालय एवं पशु चिकित्सा उपकेंद्रों को बेहतर बनाने के लिए उन संस्थाओं को क्रमशः 100, 65 और 50 बिंदुओं पर मॉनिटर किया जाएगा। उन्होंने बताया कि यह व्यवस्था पशु चिकित्सा संस्थानों में स्थानीय स्तर पर गतिविधियों के क्रियान्वयन में तो मददगार साबित होगी ही साथ ही, राज्य स्तर पर होने वाली समीक्षा बैठकों में भी संस्थानों के कार्य मूल्यांकन में इससे बहुत सहायता मिलेगी। डॉ शर्मा ने बताया कि वर्ष भर में उत्कृष्ट रहने वाले पशु चिकित्सा संस्थानों और अधिकारियों को विश्व पशु चिकित्सा दिवस (अप्रैल माह के अन्तिम शनिवार) के अवसर पर प्रशस्ति पत्र सम्मानित भी किया जाएगा। इससे संस्थानों में बेहतर करने की स्वस्थ प्रतिस्पर्द्धा विकसित होगी और पशुपालकों और पशुओं को भी गुणवत्तापूर्ण सेवाएं प्राप्त होंगी।
Dr. Samit Sharma ने बताया कि विभाग द्वारा चलाए जा रहे मोबाइल वेटरिनरी यूनिट्स को अब 1962 कॉल सेंटर पर प्राप्त कॉल आधारित संचालन के अतिरिक्त प्रतिदिन सुबह के समय लगभग 3 से 4 घंटे पशु चिकित्सा शिविरों का किया जाएगा। शिविर के आयोजन से एक दिन पहले इसकी सूचना नजदीकी विभागीय संस्था के प्रतिनिधि द्वारा ग्रामीणों को दी जाएगी। शिविर स्थल पर विभाग और शिविर से संबंधित आईईसी सामग्री का प्रदर्शन भी किया जाएगा। उन्होंने बताया कि एमवीयू सप्ताह के सभी दिवसों में बिना किसी अवकाश के कार्य करेंगी और शिविर के आयोजन के लिए विभाग तथा संचालनकर्ता फर्मों की भूमिका तय कर दी गई है।

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