Curd सेहत का बहुत अधिक लाभ माना जाता है। यह कैल्शियम और फॉस्फोरस से भरपूर है। लेकिन दही से जुड़े मिथकों पर लोग अभी भी विश्वास करते हैं। यहां जानिए दही से जुड़े मिथकों की सच्चाई-
गर्मियों में दही खाना स्वास्थ्यप्रद है। यह खाने से पेट में अच्छे बैक्टीरिया का संतुलन ठीक रहता है। यह भी कहा जाता है कि इससे पेट की गर्मी कम होती है और डाइजेशन में सुधार होता है। वहीं दही फॉस्फोरस और कैल्शियम से भरपूर है। लेकिन इसके बारे में कई मिथक हैं। डॉ. दीक्षा भावसार, एक आयुर्वेदिक विद्वान, ने अपने इंस्टाग्राम पर दही से जुड़े कुछ मिथकों और तथ्यों को शेयर किया है।
एक्सपर्ट कहते हैं कि दही पचने में भारी और स्वाद में खट्टा है। यह चर्बी बढ़ाता है, इसलिए इसका उपयोग वजन बढ़ाना चाहने वालों के लिए किया जाता है। इससे ताकत बढ़ती है और कफ और पित्त बढ़ते हैं।
Curd से जुड़े मिथक
– ये ठंडा होता है।
– दही को रात में खा सकते हैं।
– दही वजन घटाने में मदद करता है।
– दही आसानी से पच सकता है।
– दही गर्मियों में खाते हैं।
– डायबिटीज पेशेंट के लिए अच्छा है।
Curd के बारे में आयुर्वेदिक फैक्ट्स
– जब सर्दी जुकाम होता है तो अक्सर दही को गर्म करके खाने की सलाह दी जाती है। हालांकि, गर्म करने के कारण यह अपने गुण खो देता है।
– मोटापा, कफ विकार, रक्तस्राव विकार और सूजन की स्थिति वाले लोगों को दही से परहेज करना सबसे अच्छा है।
– रात के समय कभी भी दही नहीं खाना चाहिए। आप दही खाना चाहते हैं, तो इसे कभी-कभार दोपहर के दौरान और कम मात्रा खाएं।
– रोजाना दही नहीं खाना चाहिए। हालांकि, दही से बनी छाछ रोजाना पी जा सकती है। आप छाछ में सेंधा नमक, काली मिर्च और जीरा जैसे मसाले भी मिला सकते हैं।
– दही को फलों के साथ न मिलाएं क्योंकि इसे लंबे समय तक खाने से मेटाबॉलिज्म संबंधी समस्याएं और एलर्जी हो सकती है।
– दही मांस और मछली के साथ बेकार माना जाता है। चिकन, मटन या मछली जैसे मांस के साथ पकाया गया दही शरीर में विषाक्त पदार्थों को बढ़ाता है।
– एक छोटी कटोरी ही काफी होता है। बहुत ज्यादा मात्रा में इसे खाने से नुकसान हो सकता है।