Delhi Lucknow Highway: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मां गंगा भगवान शिव की जटाओं से ज्येष्ठ के शुक्ल पक्ष की दशमी पर धरती पर आई थीं। इस दिन गंगा दशहरा मेला है।
Delhi Lucknow Highway: 16 जून को ज्येष्ठ माह का गंगा दशहरा देश भर में मनाया जाएगा। इस दिन गंगा स्नान करना खास है। इसलिए लाखों लोग उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले के गढ़ मुक्तेश्वर क्षेत्र में ब्रजघाट पर स्नान करने आएंगे। हापुड़ जिला प्रशासन ने रूट डायवर्जन योजना बनाई है ताकि मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को सुरक्षित रख सकें और जाम से बच सकें। 15 जून की दोपहर 12 बजे से 17 जून की रात 12 बजे तक दिल्ली-लखनऊ हाईवे पर भारी वाहनों का रूट डायवर्जन होगा।
यह रूट डायवर्जन योजना है।
दिल्ली-मुरादाबाद: दिल्ली और गाजियाबाद से मुरादाबाद जाने वाले भारी वाहन ईस्टर्न पेरिफेल एक्सप्रेसवे से बहजोई, डिबाई, चन्दोसी होते हुए मुरादाबाद जाएंगे।
दिल्ली- गाजियाबाद से मुरादाबाद: छिजारसी, धौलाना, गुलावटी से गुजरकर भारी वाहन बुलंदशहर, नरौरा, बबराला बहजोई, डिबाई, चंदौसी से मुरादाबाद पहुंचेंगे।
दिल्ली- गाजियाबाद से गजरौला: गजरौला चौपला से निकलने वाली मंडी धनौरा, चांदपुर, हल्दौर, बिजनौर बैराज, मीरापुर, मवाना, मेरठ, मोदीनगर, गाजियाबाद तक जाएगी।
स्याना से हापुड़- मेरठ: स्याना से वाया बीबीनगर, गुलावठी, हाफिजपुर, हापुड़ और ततारपुर बाईपास खरखौदा होते हुए जाएंगे।
हापुड़ से मुरादाबाद: भारी वाहन सोना पेट्रोल पंप के सामने से गुलावठी होकर बुलंदशहर, नरौरा, बराला, बहजोई, डिबाई, चंदौसी के माध्यम से मुरादाबाद पहुंचेंगे।
मेरठ-मुरादाबाद: मीरापुर बैराज, बिजनौर कोतवाली देहात नगीना धामपुर, कांठ, छजलैट से मेरठ वाया मवाना से जाएंगे।
मुरादाबाद में गाजियाबाद-दिल्ली: रास्ते में मुरादाबाद से छजलैट, नूरपुर, बिजनौर, बैराज, मीरापुर, मवाना, मेरठ, मोदीनगर होते हुए दिल्ली जाएंगे।
मुरादाबाद से दिल्ली-गाजियाबाद: वाहन अमरोहा से शुरू होकर जोबा, नोगांवा सादात, नूरपुर, हल्दौर, बिजनौर बैराज, मीरापुर, मवाना, मेरठ, मोदीनगर गाजियाबाद होते हुए दिल्ली जांएगे।
लाखों लोग आस्था की डुबकी लगाएंगे
दिल्ली, हरियाणा, पंजाब सहित कई राज्यों से लगभग दस लाख लोगों के ज्येष्ठ दशहरा मेले में ब्रजघाट पहुंचने की उम्मीद है। इस दिन लोग बच्चों को गंगा किनारे घाटों पर मुंडन कराकर पूजा करते हैं।
मेले का अर्थ
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मां गंगा भगवान शिव की जटाओं से ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी पर व्यतीपात योग, आनंद योग और गर करण में प्रकट हुई थीं। इसलिए आज गंगा दशहरा मेला होता है। गंगा माता पूजी जाती है। माना जाता है कि इस शुभ दिन जल, अन्न, शृगांर का सामान, शक्कर, कपड़े, फल और स्वर्ण का दान बहुत शुभ होता है। हस्त नक्षत्र में मांगलिक कार्य और पूजा पाठ सफल होते हैं।