CM Yogi Adityanath ने 76वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर अपने सरकारी निवास पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया और मातृभूमि के लिए अपनी जान देने वाले शहीदों और देशभक्तों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए भारतीय संविधान के रचनाकारों को भी अपनी श्रद्धा व्यक्त की।
CM Yogi Adityanath ने 76वें गणतंत्र दिवस के मौके पर आज अपने सरकारी निवास पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया। इस अवसर पर उन्होंने मातृभूमि के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले अमर शहीदों और देशभक्तों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए भारतीय संविधान के रचनाकारों को भी सम्मान दिया। CM Yogi Adityanath ने कहा कि देश की स्वतंत्रता के पहले, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद जी के नेतृत्व में एक संविधान सभा का गठन किया गया था। बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर जी को संविधान के प्रत्येक अनुच्छेद को जोड़ने की जिम्मेदारी दी गई, और उन्होंने 26 नवम्बर, 1949 को भारतीय संविधान का मसौदा तैयार करके संविधान सभा को सौंपा। इसके बाद 26 जनवरी, 1950 को देश ने अपना संविधान लागू किया। उन्होंने यह भी कहा कि भारत का संविधान हर नागरिक को न्याय, समानता, और भाईचारे के सिद्धांतों पर आधारित समाज की स्थापना का मार्गदर्शन करता है। यह संविधान प्रत्येक नागरिक को बिना किसी भेदभाव के न्याय और शासन की सुविधाएं देने, समाज में समानता को बढ़ावा देने, और एकता के साथ देश की समृद्धि और सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करने की प्रेरणा देता है। आज, जब हमारा देश संविधान लागू होने के 75 साल पूरे कर 76वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है, तो हमारे सामने एक विकसित भारत बनाने का उद्देश्य है, और यह उद्देश्य भारतीय संविधान का पालन करके ही प्राप्त किया जा सकता है।
CM Yogi Adityanath ने कहा कि भारत का संविधान हमारे देश की हजारों वर्षों पुरानी उस महान धरोहर का प्रतीक है, जिस पर हर भारतीय को गर्व है। यह हम सभी के लिए अत्यंत गर्व की बात है कि संविधान की मूल प्रति में भारत की विरासत को चित्रों के जरिए भी प्रदर्शित किया गया है, जिससे प्रत्येक भारतीय को इससे जुड़ने की प्रेरणा मिलती है। जब हम भारत के संविधान की मूल प्रति को देखते हैं, तो हमें भारतीय संस्कृति की गहरी और ऊंची परंपराओं का अहसास होता है।
इस संविधान में भारत के नागरिकों के अधिकारों के साथ-साथ उनके कर्तव्यों का भी उल्लेख किया गया है। यदि हर व्यक्ति संविधान के अंतर्गत अपने अधिकारों की रक्षा की बात करता है, तो उसे अपने कर्तव्यों के प्रति भी जागरूक होना चाहिए। यही कारण है कि 2015 में बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर के स्मारक का शिलान्यास करते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने 26 नवम्बर को संविधान दिवस के रूप में मनाने का आह्वान किया था, ताकि संविधान में उल्लिखित मूल कर्तव्यों से प्रेरणा ली जा सके। ये मूल कर्तव्य हर भारतीय के लिए एक मार्गदर्शक सिद्धांत का काम करते हैं और अपने देश और समाज के प्रति जिम्मेदारियों का पालन करने की प्रेरणा प्रदान करते हैं।
CM Yogi Adityanath ने कहा कि हमें अपने संविधान पर गर्व महसूस करना चाहिए, क्योंकि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र होने का सौभाग्य हमारे देश को प्राप्त है। हमारे देश में, बिना किसी भेदभाव के, प्रत्येक जाति, धर्म और समुदाय के हर वयस्क नागरिक को पहले आम चुनाव से ही मतदान का अधिकार मिला। दुनिया के कई अन्य देशों में, जिन्होंने आधुनिक लोकतंत्र का श्रेय लिया, रंगभेद के कारण एक बड़े वर्ग को भारत के बाद ही मतदान का अधिकार मिला। महिलाओं को भी इन देशों में यह अधिकार तब मिला, जब भारत पहले ही इसे लागू कर चुका था। यह सब भारत माता के महान सपूत और राष्ट्र नायक बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर के अथक प्रयासों के कारण संभव हो सका।
CM Yogi Adityanath ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने हमें भविष्य में एक विकसित भारत बनाने का संकल्प दिया है। सभी नागरिकों को भारत के संविधान का सम्मान करते हुए और उसके मूल आदर्शों से प्रेरणा लेकर, भारत के विकास और इसे एक आत्मनिर्भर और समृद्ध राष्ट्र बनाने के लिए पूरी मेहनत से काम करना चाहिए। जो भी व्यक्ति जिस क्षेत्र में कार्य कर रहा है, यदि वह अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन करेगा, तो अगले 25 वर्षों में एक विकसित भारत हम सभी के सामने होगा। इस अवसर पर शासन-प्रशासन के उच्च अधिकारी भी मौजूद थे।