CM Saini ने नाराज निर्दलीय विधायक को मनाया, नयनपाल रावत ने कहा -मैं सरकार के साथ खड़ा

CM Saini  सरकार के कर्मचारियों से नाराज चल रहे निर्दलीय विधायक नयनपाल रावत आखिरकार देर रात CM  के हस्तक्षेप से मान गए। ज्ञानचंद गुप्ता ने इस बहस को सुना।

CM Saini ने मनाया नाराज निर्दलीय विधायक को, नयनपाल रावत बोले -मैं सरकार के साथ खड़ा हूं:

CM Saini  सरकार के कर्मचारियों से नाराज चल रहे निर्दलीय विधायक नयनपाल रावत आखिरकार देर रात CM  के हस्तक्षेप से मान गए। ज्ञानचंद गुप्ता ने इस बहस को सुना। रावत ने बुधवार देर रात CM Saini से मुलाकात करने के बाद कहा कि वे सरकार से नाराज नहीं थे। यद्यपि मैं शुरू से बीजेपी के साथ हूँ और आखिर तक इसका समर्थन करूँगा, अधिकारियों की कार्यप्रणाली से उन्हें परेशानी थी। CM ने निजी तौर पर इस मामले को देखेंगे और अधिकारियों से जवाब लेंगे। रावत ने कहा कि वह सरकार के साथ दृढ़ता से खड़े हैं।

बुधवार सुबह, निर्दलीय विधायक नयनपाल रावत की नाराज़गी की खबरें सामने आईं। कहा गया कि सरकार से नाराज हैं और गुरुवार को महत्वपूर्ण निर्णय ले सकते हैं।इससे भाजपा सरकार की नींदें उड़ गईं| राज्य की CM Saini सरकार को उनका समर्थन वापस मिल सकता था। बीजेपी नेताओं को रावत की नाराज़गी की सूचना मिलते ही पार्टी ने उन्हें मनाने का प्रयास किया। विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता को रावत को मनाने की जिम्मेदारी दी गई। पहले गुप्ता ने रावत से बात की और देर रात उन्हें सीएम हाउस ले गए। CM Saini ने रावत को आश्वासन दिया कि उनके कोई कार्य नहीं रुकेंगे।

सैनी सरकार की बढ़ सकती थीं मुश्किलें:

गौरतलब है कि रावत सरकार से समर्थन वापस लेते तो CM Saini सरकार के लिए मुश्किलें बढ़ सकती थीं। 90 विधायकों की विधानसभा में 87 विधायक हैं। भाजपा को बहुमत के लिए 44  विधायक चाहिए। फिलहाल,  बहुमत है। लेकिन सरकार अल्पमत में आ सकती है जैसे ही एक विधायक समर्थन वापस लेता है। भाजपा के पास 41 विधायक हैं, जिसमें एक निर्दलीय विधायक नयनपाल रावत और हरियाणा लोकहित पार्टी के विधायक गोपाल कांडा भी शामिल हैं। कांग्रेस छोड़कर तोशाम से विधायक किरण चौधरी भी भाजपा में आ गई हैं। भाजपा को 44 विधायकों का समर्थन है।

लोकसभा चुनाव से पहले तीन निर्दलीय विधायक धर्मपाल गोंदर, रणधीर गोलन और सोमवीर सांगवान ने सरकार का साथ छोड़कर कांग्रेस का समर्थन दिया था। रानियां से निर्दलीय विधायक रणजीत सिंह चौटाला ने इसके बाद लोकसभा चुनाव  लड़ने के लिए इस्तीफा दे दिया था। 25 मई को लोकसभा चुनाव के दिन बादशाहपुर से निर्दलीय विधायक राकेश दौलताबाद का दिल का दौरा पड़ गया। सरकार के साथ आखिर में एकमात्र निर्दलीय विधायक नयनपाल रावत बचा।

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