CM Pushkar Singh Dhami ने कहा कि चारधाम में श्रद्धालुओं को प्रतिदिन की क्षमता के अनुसार दर्शन के लिए भेजा जाए। रजिस्ट्रेशन प्रणाली को और अधिक मजबूत बनाया जाए।
गुरुवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घोषणा की कि 31 मई तक चारों धामों में वीआईपी दर्शन की सुविधा स्थगित रहेगी। 25 मई तक पहले यह रोक थी। अधिकारियों को मुख्यमंत्री ने चार धामों में क्षमता के अनुसार ही श्रद्धालु भेजने को कहा है।
गुरुवार को सचिवालय में चारधाम यात्रा व्यवस्थाओं पर चर्चा करते हुए धामी ने कहा कि चारधाम यात्रा पर आने वाले सभी श्रद्धालुओं की सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है। उन्होंने श्रद्धालुओं से भी अनुरोध किया कि वे दर्शन के लिए यात्रा रजिस्ट्रेशन में दी गई तिथि के अनुसार ही आएं।
धामी ने कहा कि चार धामों में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं को उनकी प्रतिदिन की क्षमता के अनुसार ही भेजा जाए। रजिस्ट्रेशन प्रणाली को और अधिक मजबूत बनाया जाए। राजस्व, परिवहन और पुलिस विभाग मिलकर चेक पोस्ट पर इसकी निगरानी करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम के सभी रास्तों के प्रवेश स्थानों के साथ-साथ विकासनगर, यमुनापुल, धनोल्टी और सुवाखोली में सख्ती से चेकिंग की व्यवस्था होनी चाहिए।
प्रतिदिन प्रेस ब्रीफिंग करेंगे अधिकारी
मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा व्यवस्थाओं के बारे में लोगों को स्पष्ट रूप से पता लगाने के लिए शासन के वरिष्ठ अधिकारी मीडिया को हर दिन ब्रीफिंग देंगे। उन्होंने पुलिस महानिदेशक को निर्देश दिए कि वे स्वयं स्थानीय निरीक्षण करके यातायात और भीड़ को नियंत्रित करें और चारों ओर वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को इसकी जिम्मेदारी दी जाए। मुख्यमंत्री ने बताया कि चारधाम यात्रा राज्य की जीवन रेखा है। राज्य का बजट भी इस यात्रा से जुड़ा है। धामी ने चारधाम यात्रा से जुड़े जिलों रुद्रप्रयाग, चमोली और उत्तरकाशी के डीएम से ऑनलाइन बातचीत की।
धामों में मंदिर परिसर के 50 मीटर के दायरे में मोबाइल फोन पर रोक
चारधाम के मंदिरों के चार सौ मीटर के दायरे में मोबाइल फोन का उपयोग प्रतिबंधित है। भ्रामक जानकारी फैलाने वालों के खिलाफ सीधे एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। ऐसे में श्रद्धालु अब धामों में मोबाइल या सोशल मीडिया प्लेटफार्मों का उपयोग नहीं कर पाएंगे।
गुरुवार को मुख्य सचिव ने सचिव पर्यटन को आदेश का सख्ती से पालन सुनिश्चित कराने को कहा।मुख्य सचिव ने कहा कि चारधाम में इस बार पिछले सालों की तुलना में कहीं अधिक लोग आ रहे हैं। इस बढ़ती भीड़ को कम करने के लिए भीड़ को नियंत्रित किया जा रहा है। श्रद्धालु मंदिर परिसर में मोबाइल फोन से फोटो खींचने और वीडियो बनाने में काफी समय लगा रहे हैं। इसकी वजह से आसपास अत्यधिक भीड़ है।
लोग रील बनाकर गलत सन्देश दे रहे हैं। ये एक प्रकार का अपराध है। ऐसा करने वालों के खिलाफ भी शिकायत की जाएगी। यात्रा श्रद्धापूर्ण होती है। रील बनाने वाले लोग स्पष्ट रूप से श्रद्धा से नहीं आ रहे हैं। बल्कि बस घूमने और रील बनाने के लिए आ रहे हैं। इससे श्रद्धालुओं को परेशानी होती है। किसी की भी आस्था को चोट नहीं लगी। जिन लोगों ने ऐसा किया है, उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।