CBDT ने वित्त वर्ष 2023-24 और 2021-22 के लिए आय और लेन-देन के अंतर को दूर करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक अभियान शुरू किया

CBDT launches electronic campaign to bridge gap of income and transactions for FY 2023-24 and 2021-22

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT ) ने वित्त वर्ष 2023-24 और 2021-22 के लिए वार्षिक सूचना विवरण (एआईएस) में रिपोर्ट की गई आय व लेनदेन और आयकर रिटर्न (आईटीआर) में बताए गए आय व लेनदेन के बीच विसंगति को हल करने में करदाताओं की सहायता के लिए एक इलेक्ट्रॉनिक अभियान शुरू किया है। यह अभियान उन व्यक्तियों को भी लक्षित करता है जिनके एआईएस में कर योग्य आय या उच्च-मूल्य लेनदेन की सूचना दी गई है लेकिन संबंधित वर्षों के लिए आईटीआर दाखिल नहीं किया है। यह पहल ई-सत्यापन योजना 2021 के कार्यान्वयन के अंतर्गत है।

CBDT  ,इस अभियान के अंतर्गत करदाताओं और आयकर दाखिल न करने वालों को एसएमएस और ईमेल के माध्यम से सूचनात्मक संदेश भेजे गए हैं जहां एआईएस में रिपोर्ट किए गए लेनदेन और दायर किए गए आईटीआर के बीच विसंगति की पहचान की गई है। इन संदेशों का उद्देश्य उन व्यक्तियों को याद दिलाना और मार्गदर्शन करना है जिन्होंने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए संशोधित या विलंबित आईटीआर दाखिल करने का अवसर लेने के लिए अपने आईटीआर में अपनी आय का पूरी तरह से खुलासा नहीं किया है। इन संशोधित या विलंबित आईटीआर  फाइल करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर, 2024 है।

वित्त वर्ष 2021-22 से संबंधित मामलों के लिए करदाता 31 मार्च, 2025 तक अपडेटेड आईटीआर दाखिल कर सकते हैं।

करदाता ई-फाइलिंग वेबसाइट (https://www.incometax.gov.in/iec/foportal/) के माध्यम से एआईएस में रिपोर्ट की गई जानकारी से असहमत होने सहित अपनी प्रतिक्रिया भी दे सकते हैं।

यह पहल अनुपालन को सरल बनाने और पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने के लिए आयकर विभाग की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। तीसरे पक्ष के डेटा का उपयोग करके विभाग का लक्ष्य और अधिक कुशल, करदाता-अनुकूल प्रणाली का विकास करना है जो विकसित भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप हो। CBDT सभी पात्र करदाताओं को अपनी कर जिम्मेदारियों को पूरा करने और देश के आर्थिक विकास में योगदान करने के लिए इस अवसर का लाभ उठाने हेतु प्रोत्साहित करता है। यह प्रयास न केवल विकसित भारत के लिए सरकार के दृष्टिकोण का समर्थन करता है बल्कि पारदर्शिता, जवाबदेही और स्वैच्छिक अनुपालन की संस्कृति को भी बढ़ावा देता है।

Related posts

NHRC :देश भर के विभिन्न विश्वविद्यालयों के विभिन्न शैक्षणिक विषयों के 1,000 से अधिक आवेदकों में से 80 छात्रों को इसके लिए चुना गया

Govt of India : “विरासत” ,भारत की हाथ से बुनी साड़ियों का उत्सव