Kedarnath Dham में तीर्थयात्रियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। यही कारण है कि सरकार पुराने पैदल मार्ग को ठीक करने जा रही है। नई सड़क लगभग चार किमी पुरानी सड़क को बदलेगी।
बाबा केदार की भक्ति करने वाले लोगों के लिए अच्छी खबर है। पैदल चलकर केदारनाथ धाम जाना चाहने वालों के लिए एक अच्छी खबर है। उत्तराखंड सरकार ने रामबाड़ा के पुराने पैदल मार्ग को फिर से बनाया है।
यह अगले तीन से चार महीने के भीतर तैयार होने पर घोड़े-खच्चरों को भेजेगा। इससे नए मार्ग पर घोड़े-खच्चरों का दबाव कम होगा, जिससे तीर्थयात्रियों को भी राहत मिलेगी। 2013 की आपदा में रामबाड़ा से लगभग छह किमी का पैदल ट्रैक टूट गया था।
बाद में रामबाड़ा के पास मंदाकिनी नदी पर पुल बनाकर दूसरा पैदल रास्ता बनाया गया, जिस पर आज भी लोग चलते हैं। केदारनाथ धाम में हर दिन तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ती जा रही है। यही कारण है कि सरकार पुराने पैदल मार्ग को ठीक करने जा रही है।
नए सिरे से चार किमी लंबा पुराना पैदल रास्ता बनाया जाना है, और दो किमी अतिरिक्त बीच-बीच में बनाया जाना है। सरकार ने सर्वे कराने के साथ ही इसका कार्य भी शुरू कर दिया है। इस मार्ग से घोड़े-खच्चर केदारनाथ जाते हैं।
पैदल ट्रैक पर रोटेशन सिस्टम
केदारनाथ और यमुनोत्री ट्रैक पर पैदल और घोड़े-खच्चरों से जाने वाले पर्यटकों की संख्या बढ़ने पर रोटेशन सिस्टम को कड़ाई से लागू किया जाएगा। यह भी फौरी तौर पर प्रयोग किया जाता है। सचिव मुख्यमंत्री विनय शंकर पांडेय ने बताया कि सुबह छह बजे गौरीकुंड से पहले चरण में घोड़े-खच्चर छोड़े जा रहे हैं. तीर्थयात्रियों को दो घंटे बाद घोड़े-खच्चरों से छोड़ा जा रहा है।
सचिव मुख्यमंत्री विनय शंकर पांडेय ने कहा कि दोनों पक्षों ने केदारनाथ के पुराने पैदल मार्ग का पुनर्निर्माण शुरू कर दिया है। तीन-चार महीने बाद मार्ग को सुधार दिया जाएगा। इसके बाद, घोड़े-खच्चर से यात्रा करने वाले पर्यटक भी इसी मार्ग पर भेजे जाएंगे।
17 दिन में पहुंचे 12 लाख तीर्थयात्री
मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि 2022 में 46 लाख और 2023 में 56 लाख लोग धाम पहुंचे थे, लेकिन इस बार महज 17 दिन में 12 लाख लोग पहुंचे हैं। बोले, यात्रा निरंतर विकसित हो रही है और आने वाले वर्षों में यह और भी विकसित होगी।
केदारनाथ धाम को दर्शन के लिए क्रेज
10 मई से शुरू होने वाली उत्तराखंड चारधाम यात्रा में राजस्थान, मध्य प्रदेश-एमपी, महाराष्ट्र, गुजरात आदि राज्यों से बहुत से लोग भाग लेंगे। गंगोत्री-यमुनोत्री और बदरीनाथ सहित चारों धामों में से सबसे अधिक भक्तजन बदरीनाथ और गंगोत्री-यमुनोत्री में दर्शन करने आते हैं।
भीड़ बढ़ने पर यात्रियों को पड़ावों पर रोका जाएगा
सोमवार को, अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने तीर्थयात्रियों के लिए प्रशासन द्वारा प्रदान की गई सुविधाओं और व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। उनका कहना था कि भीड़ अधिक होने पर यात्रियों को पहले ही सुरक्षित स्थानों पर रोका जाएगा।
जिलाधिकारी सौरभ गहरवार और पुलिस अधीक्षक विशाखा अशोक भदाणे ने उनका स्वागत किया जब वे केदारनाथ पहुंचे। साथ ही, अपर मुख्य सचिव ने बाबा केदार को देखा। मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने निरीक्षण के दौरान कहा कि चारधाम यात्रा पर आ रहे श्रद्धालुओं को सभी आवश्यक मूलभूत सुविधाएं दी जाएंगी।
केदारनाथ धाम में दर्शन करने आने वाले पर्यटकों के लिए राज्य और पुलिस प्रशासन द्वारा प्रदान की गई सुविधाओं और व्यवस्थाओं की जानकारी ली। अधिकारियों को निर्देश दिए कि भारी संख्या में लोग चारधाम यात्रा पर आ रहे हैं, इसलिए यात्रियों को कोई असुविधा न हो और उन्हें सभी आवश्यक सुविधाएं दी जाएं। मुख्यमंत्री चारधाम यात्रा को नियमित रूप से देख रहे हैं।
सुरक्षित यात्रा पर पहले अधिक ध्यान देने की सलाह दी गई। यात्रियों को पहले ही रोका जाए क्योंकि सीतापुर, सोनप्रयाग आदि स्थानों पर केदारनाथ धाम के मुख्य पड़ाव पर पार्किंग बंद हो जाती है। जहां उन्हें ठहरने और खाने के लिए पर्याप्त सुविधाएं मिलें। उन्होंने सभी को केदारनाथ यात्रा मार्ग में चल रहे घोड़े-खच्चरों के बारे में जानकारी दी और प्रमुख पड़ावों पर व्यवस्थित यात्रा करने के लिए बेहतर ट्रैफिक योजना बनाई।
अगस्त्यमुनि में ठहरने और पार्किंग की पूरी व्यवस्था
अपर मुख्य सचिव ने कहा कि यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा के लिए सोनप्रयाग पार्किंग पूर्ण होने पर उन्हें अगस्त्यमुनि में ही रोका जा रहा है। अगस्त्यमुनि खेल मैदान में पर्यटकों के लिए पर्याप्त पार्किंग स्थान है।
मुख्यमंत्री ने व्यवस्थाओं पर संतोष जताया
सोमवार को निरीक्षण में, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दो टूक में कहा कि यात्रियों की सुरक्षा और सेहत से कोई समझौता नहीं होगा। उसने निरीक्षण में व्यवस्थाओं और यात्रियों को परोसी जा रही चाय का स्वाद भी चखा।
केंद्र में यात्रियों के लिए स्टॉल पर रखे चाय के जार की टोंटी खोलकर मुख्यमंत्री ने खुद चाय का गिलास लिया। यही नहीं, यात्रियों ने ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन काउंटर में जाकर पंजीकरण रजिस्ट्रर को चेक किया। डोरमेट्री में लगे बेड को देखने के साथ-साथ वातानुकुलित प्रणाली को देखने पर उनके चेहरे पर संतोष भी दिखाई दिया।