Ayurvedic Triphala Churna:  त्रिफला इन बीमारियों को दूर करता है। त्रिफला के इतने लाभ आपको चौंका देंगे 

Ayurvedic Triphala Churna:  त्रिफला इन बीमारियों को दूर करता है। त्रिफला के इतने लाभ आपको चौंका देंगे 

Ayurvedic Triphala Churna: आयुर्वेद में त्रिफला एक चमत्कारी औषधि है। त्रिफला पूरे शरीर से बीमारियों का खात्मा कर सकता है। लोगों को लगता है कि त्रिफला सिर्फ पेट साफ करने वाला चूर्ण है, लेकिन वे नहीं जानते कि यह बीमारियों को भी दूर करता है।

Ayurvedic Triphala Churna: तीन फलों का चूर्ण आयुर्वेद में त्रिफला एक प्रभावी दवा है। त्रिफला पेट की समस्याओं को दूर करता है। त्रिफला को कब्ज, एसिडिटी और पित्त की बीमारी में रामबाण कहा जाता है। त्रिफला से पाचन ठीक होता है और भूख बढ़ती है। आयुर्वेदिक डॉक्टर ने बताया कि त्रिफला का सेवन करने से पेट की कई बीमारियों को भी दूर किया जा सकता है।

त्वचा, आंख और बालों के लिए त्रिफला

त्रिफला बालों, आंखों और त्वचा को स्वस्थ रखने में भी काफी प्रभावी है। त्रिफला में सबसे अधिक आंवला होता है और विटामिन सी से भरपूर होता है, इसलिए यह बालों और त्वचा की सेल्स को ठीक करता है। त्रिफला का सेवन बालों को मजबूत करता है और स्किन को चमकदार बनाता है। आयुर्वेदिक डॉक्टरों का कहना है कि त्रिफला भी आंखों के लिए अच्छा है।

 त्रिफला एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर

एंटीऑक्सीडेंट गुण त्रिफला का तीसरा सबसे बड़ा गुण है। त्रिफला शरीर में एंटीऑक्सीडेंट की तरह कार्य करता है, जो हमारी कोशिकाओं को क्षतिग्रस्त होने से बचाता है। एंटीऑक्सीडेंट गुणों की वजह से भी त्रिफला कैंसर जैसी घातक बीमारियों को नियंत्रित करने में प्रभावी है। आयुर्वेदिक डॉक्टरों ने भी कहा कि त्रिफला के सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। नियमित रूप से त्रिफला खाने से कई लाभ मिलते हैं।

त्रिफला कैसे बनता है?

इसे त्रिफला कहा जाता है क्योंकि यह तीन आयुर्वेदिक फलों के रासायनिक मिश्रण से बना है। त्रिफला आवंला, बहेड़ा और हरड़ के बीज से बनाया जाता है। जिसमें एक हिस्सा हरड़, दो हिस्से बहेड़ा और तीन हिस्से आंवला का लिया जाता है। हरीतकी पेड़ का हरड़ एक आयुर्वेदिक औषधीय फल है। आयुर्वेद में हरड़ के कई चमत्कारिक लाभ बताए गए हैं, जो पित्त को संतुलित रखता है और पाचन समस्याओं को दूर करता है।

त्रिफला विटामिन सी से भरपूर है

त्रिफला में बहेड़ा का दूसरा हिस्सा मिलाया जाता है। बहेड़ा पेड़ भी औषधीय है, जिस पर लगने वाले फल रोगाणुरोधी और एंटी-एलर्जी गुणों के लिए जाना जाता है। आयुर्वेद के अनुसार बहेड़ा खाने से सर्दी और खांसी दूर होती है। इसके अलावा, विटामिन C और एंटी ऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर आंवला तीसरा भाग है। आंवला बालों, आंखों और स्किन के लिए अद्भुत है। आप त्रिफला को टैबलेट या पाउडर के रूप में खरीद सकते हैं। आप अपने ऑयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह के मुताबिक इसे खा सकते हैं या इसका उपयोग कर सकते हैं।

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