Arvind Kejriwal एक बार फिर मीडिया से बातचीत करने के लिए सामने आए। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में चुनावी मुद्दों पर चर्चा की और भाजपा तथा कांग्रेस को भी निशाने पर लिया। आइए जानते हैं उन्होंने क्या कहा।
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक Arvind Kejriwal ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए यमुना के पानी समेत कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपने विचार साझा किए। Arvind Kejriwal ने कहा कि सरकारी आवासों में काम करने वाले सर्वेंट्स और सर्वेंट क्वार्टर में रहने वाले लोग, चाहे वे अफसरों, सांसदों या मंत्रियों के आवासों में काम करें, कई समस्याओं का सामना कर रहे हैं।
इन सर्वेंट्स की एक यूनियन है, जिनके सदस्य जगमोहन ने जानकारी दी कि इन लोगों को सैलरी नहीं मिलती। जब वे सैलरी की मांग करते हैं तो उन्हें यह कहकर चुप कर दिया जाता है कि उन्हें सर्वेंट क्वार्टर में रहने की सुविधा मिल रही है, जिससे उनका कहना होता है कि उनके पास छत है, रहने की जगह है और खाना-पीना भी वहीं हो जाता है, तो सैलरी की क्या जरूरत? इस तरह से ये सर्वेंट्स बंधुआ मजदूर की तरह काम करने पर मजबूर होते हैं। इसलिए, मैं इन सर्वेंट्स के लिए एक बड़ा ऐलान करने जा रहा हूं।
सर्वेंट्स के लिए सर्वेंट रजिस्ट्रेशन पोर्टल बनाएंगे
- Arvind Kejriwal ने कहा कि आम आदमी पार्टी की तरफ से 7 गारंटियां दी जा रही हैं। इनमें से एक यह है कि हम सर्वेंट रजिस्ट्रेशन पोर्टल बनाएंगे। अगर किसी को सर्वेंट चाहिए, किसी को सर्वेंट बदलना है, या किसी को स्टाफ चाहिए, तो वह इस पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करके अपनी समस्या का समाधान पा सकेगा। इस पोर्टल के माध्यम से सर्वेंट्स और स्टाफ की तलाश करने वालों को सेवा उपलब्ध होगी।
- जैसे श्रमिक कार्ड या लेबर कार्ड जारी किया जाता है, उसी तरह एक सरकारी सर्वेंट कार्ड या सरकारी स्टाफ पर्सनल स्टाफ कार्ड भी तैयार किया जाएगा। इस कार्ड के तहत श्रमिकों को मिलने वाली सारी सुविधाएं और योजनाएं सर्वेंट्स को भी मिलेंगी।
- सर्वेंट्स के कार्य घंटों, तनख्वाह और काम की शर्तों को स्पष्ट किया जाएगा। इन नियमों का उल्लंघन करने को एक अपराध माना जाएगा।
- एक सर्वेंट हॉस्टल या स्टाफ हॉस्टल भी बनाया जाएगा। अगर किसी व्यक्ति को नौकरी से हटा दिया जाता है या किसी अफसर का ट्रांसफर हो जाता है और सर्वेंट सड़क पर आ जाता है, तो वह अस्थायी रूप से कुछ महीनों या कुछ सालों तक उस हॉस्टल में रह सकता है, जब तक उसे नई नौकरी नहीं मिल जाती।
- दिल्ली में जो EWS (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) के सरकारी मकान सस्ते दामों पर और आसान किस्तों में उपलब्ध कराए जाते हैं, वे अब सर्वेंट्स और स्टाफ को भी दिए जाएंगे, ताकि उन्हें भी इस योजना का लाभ मिल सके।
- सरकारी आवासों में काम करने वाले सर्वेंट्स और स्टाफ के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए मोबाइल मोहल्ला क्लीनिक स्थापित किए जाएंगे।
- ऑटो, ई-रिक्शा और टैक्सी ड्राइवरों के लिए जो 10-10 लाख रुपये का इंश्योरेंस और अन्य सुविधाएं घोषित की गई हैं, वही सुविधाएं और इंश्योरेंस अब सर्वेंट्स को भी प्रदान किया जाएगा।