Arthritis Pain एक ऐसी बीमारी है जो हड्डियों और जोड़ों में दर्द का कारण बनती है। यह समस्या तब होती है जब शरीर में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ जाता है, जिससे जोड़ में सूजन और दर्द होता है। बुजुर्गों में यह आमतौर पर उम्र बढ़ने के साथ होता है, या किसी चोट के कारण भी हो सकता है। आयुर्वेद में इस बीमारी का इलाज संभव है।
आजकल गठिया की समस्या तेजी से बढ़ रही है। यह बीमारी शरीर के जोड़ों में सूजन, दर्द और अकड़न का कारण बनती है। आमतौर पर बुजुर्गों में यह अधिक देखने को मिलती है, लेकिन अब युवाओं में भी इसके मामले बढ़ते जा रहे हैं। गठिया के कारण चलने-फिरने में दिक्कत होती है, और व्यक्ति की जीवनशैली पर गहरा असर पड़ता है। हालांकि, इस बीमारी का इलाज कुछ घरेलू उपायों से भी किया जा सकता है। इस बीमारी के इलाज के लिए बथुए के पत्ते को फायदेमंद बताया है।
सर्दियों में मिलने वाला बथुआ अर्थराइटिस के मरीजों के लिए अत्यधिक लाभकारी है। अगर ये लोग इस मौसम में रोजाना बथुए के पत्तों का जूस पीते हैं, तो इससे गठिया के मरीजों को काफी राहत मिल सकती है। बथुआ का साग विटामिन A, C, E के साथ-साथ आयरन, कैल्शियम और फाइबर से भरपूर होता है, और इसके सेवन से शरीर को मैंगनीज, फॉलिक एसिड, सोडियम और जिंक मिलता है। इसके अलावा, बथुआ खाने से मांसपेशियां भी मजबूत होती हैं, और सूजन तथा दर्द की समस्या भी कम होती है।
गठिया के मरीजों को आलू का सेवन कम से कम करना चाहिए। मटर से भी परहेज करें, और बथुआ को कभी भी दही के साथ न खाएं। सरसों का साग अकेला न खाएं, इसे किसी अन्य साग के साथ मिलाकर खाएं। इसके अलावा, हल्दी, अदरक, निरगुंडी और गिलोय का सेवन भी फायदेमंद होता है।
Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी को लागू करने से पहले विशेषज्ञों से सलाह जरूर लें।