Minister Gajendra Singh द्वारा भव्य मंच की शुरुआत चिरस्थायी हस्तशिल्पों और आधुनिक जीवनशैली उत्पादों के साथ की गई, और घरेलू वॉल्यूम तथा खुदरा बिक्री का स्वागत किया गया।
Minister Gajendra Singh Shekhawat : हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद (EPCH) द्वारा 23 से 26 जनवरी 2025 तक जोधपुर के बोरानाडा स्थित ट्रेड फैसिलिटेशन सेंटर (टीएफसी) में आयोजित हस्तशिल्प एक्सपो (आर्टेफैक्ट्स), जोधपुर-2025 के पहले संस्करण का उद्घाटन गुरुवार को संस्कृति और पर्यटन Minister Gajendra Singh ने किया।
कार्यक्रम में Minister Gajendra Singh ने कहा कि आज ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर को एक नई पहचान मिल रही है। इस महत्वपूर्ण पहल से न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी, बल्कि जोधपुर के हस्तशिल्प को वैश्विक स्तर पर भी एक नई पहचान मिलेगी।
Minister Gajendra Singh ने कहा कि राजस्थान में होने वाले कुल हस्तशिल्प निर्माण का 50% जोधपुर से आता है, जो कि इस शहर की प्रतिभा और मेहनत का प्रमाण है। श्री शेखावत ने बताया कि इस उद्योग को “ऑरेंज इकोनॉमी” के रूप में एक नई पहचान दी गई है, जो कृषि क्षेत्र के बाद सबसे अधिक रोजगार सृजन करता है। आज जोधपुर की पहचान उसके हस्तशिल्प से बनी है, और यह पहचान भविष्य में और भी सशक्त होगी।
Minister Gajendra Singh ने कहा कि पिछले दस वर्षों में देश में जो बदलाव आया है, वह हर भारतीय के लिए गर्व की बात है। आज भारत से निर्यात होने वाली हर वस्तु की स्वीकार्यता पूरी दुनिया में तेजी से बढ़ रही है, जो हमारे लिए एक सुनहरा अवसर है। उन्होंने बताया कि पिछले दस वर्षों में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत में 30 करोड़ से अधिक लोग गरीबी रेखा से ऊपर उठे हैं। यह बदलाव न केवल हमारी आर्थिक प्रगति का संकेत है, बल्कि हमारे सामाजिक ताने-बाने की मजबूती को भी दर्शाता है।
उन्होंने इस अवसर पर जोर दिया कि जोधपुर के हस्तशिल्प उद्योग को और प्रोत्साहित करने के लिए हमें सभी को मिलकर प्रयास करना होगा। Minister Gajendra Singh ने कहा कि जोधपुर को वैश्विक पहचान दिलाने और इसे रोजगार और आर्थिक समृद्धि का केंद्र बनाने के लिए समर्पित प्रयासों की आवश्यकता है।
Minister Gajendra Singh ने कहा कि हम जिन संभावनाओं के दरवाजे पर खड़े हैं, वहां से हम पूरी दुनिया को चुनौती दे सकते हैं। यह समय है कि हम अपने सामूहिक प्रयासों से जोधपुर और राजस्थान को विकास की नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएं।
समारोह में सीओए ईपीसीएच के सदस्य श्री हंसराज बाहेती और श्री रवि के पासी, प्रमुख सदस्य निर्यातक श्री निर्मल भंडारी, श्री राधे श्याम रंगा, श्री डी कुमार, श्री घनश्याम ओझा, श्री लेखराज माहेश्वरी, ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक श्री आर.के. वर्मा और जोधपुर एवं जयपुर क्षेत्र के सदस्य उपस्थित थे।
हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसीएच) देश से हस्तशिल्प निर्यात को बढ़ावा देने और देश भर के शिल्प क्लस्टर्स में होम, लाइफस्टाइल, टेक्स्टाइल, फर्नीचर, फैशन जूलरी एवं एक्सेसरीज के उत्पादन में लगे लाखों कारीगरों और शिल्पकारों के हाथों के जादू की ब्रांड इमेज बनाने में लगी एक प्रमुख एजेंसी है। ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक श्री आर. के. वर्मा ने बताया कि वर्ष 2023-24 के दौरान हस्तशिल्प का कुल निर्यात 32,759 करोड़ रुपये (3,956 मिलियन अमेरिकी डॉलर) का हुआ था। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि वर्ष 2023-24 के दौरान वुडवेयर का कुल निर्यात 8038.17 करोड़ रुपये का किया गया, जिसमें जोधपुर की हिस्सेदारी 28.19% थी।