ADG Paliwal : आरपीए में रोड सेफ्टी प्रशिक्षण कार्यक्रम के पहले दिन में 6 सत्र हुए।

by editor
समापन गुरुवार को, होंगे पांच सत्र — कार्यक्रम के समापन दिवस, गुरुवार को कुल पांच सत्र आयोजित किए जाएंगे, जिनमें प्रत्येक सत्र की अवधि एक घंटे की होगी। सत्र की शुरुआत पहले दिन की चर्चा पर आधे घंटे की समीक्षा से होगी। इसके बाद, पहले सत्र में अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस, एटीएस और एसओजी, श्री वी.के. सिंह सड़क सुरक्षा पर विस्तृत जानकारी देंगे। दूसरा सत्र सड़क सुरक्षा शिक्षा और जागरूकता पर केंद्रित होगा, जिसमें मुस्कान फाउंडेशन, जयपुर के डॉ. मृदुल भसीन मुख्य वक्ता होंगे। तीसरे सत्र का विषय युवा सहभागिता: सड़क सुरक्षा के लिए समग्र दृष्टिकोण होगा, जिसमें भारतीय सड़क सुरक्षा अभियान (आईआरएससी), नई दिल्ली के सह-संस्थापक श्री दीपांशु गुप्ता वक्ता के रूप में शामिल होंगे। चौथे सत्र में बुनियादी जीवन समर्थन, सीपीआर और दुर्घटना पीड़ितों के लिए सरकारी योजनाएं विषय पर राज्य नोडल अधिकारी (सड़क सुरक्षा), जयपुर, डॉ. एल. एन. पांडे जानकारी देंगे। अंतिम सत्र में इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम और इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डाटाबेस पर प्रस्तुति दी जाएगी, जिसके वक्ता वरिष्ठ निदेशक (आईटी), एनआईसी राज्य समन्वयक, ई-ट्रांसपोर्ट सेवाएं, जयपुर, श्री श्रीपाल यादव होंगे।

ADG Paliwal ने कहा कि यातायात अधिनियमों की कड़ी पालना से सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी।

ADG Paliwal : यातायात प्रबंधन की दिशा में हमारा हर छोटा कदम मानवीय जीवन को सुरक्षित और खुशहाल बनाएगा। इस संदर्भ में पुलिसकर्मियों और अधिकारियों को यातायात से संबंधित अधिनियमों की छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देते हुए, रोज़मर्रा की पुलिसिंग में कानून के पालन को प्रभावी रूप से लागू करना चाहिए। इससे सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली जनहानि और प्रभावित परिवारों की कठिनाइयों में सुधार होगा। यह बात अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) पुलिस, यातायात ADG Paliwal ने बुधवार को राजस्थान पुलिस अकादमी में ‘कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम ऑन रोड सेफ्टी’ विषय पर शुरू हुए दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में कही।

ADG Paliwal ने बताया कि नए कानूनों के तहत 60 पुलिस एक्ट में यातायात से जुड़े विषयों पर कार्रवाई के लिए थाना और सर्किल स्तर के पुलिस अधिकारियों को विशेष अधिकार दिए गए हैं। सुगम और सुरक्षित यातायात में बाधा पहुंचाने वाली गतिविधियों, जैसे दुकानों के सामने सामान या अन्य सामग्री का प्रदर्शन, पर पुलिस अधिकारियों को संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित युवा प्रशिक्षणार्थियों को सलाह दी कि वे यातायात प्रबंधन से संबंधित कानूनों और प्रावधानों को गहराई से समझें और उनका प्रभावी रूप से पालन सुनिश्चित करें।

अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस, एटीएस और एसओजी ने अपने संबोधन में कहा कि सरकार ने सड़क दुर्घटनाओं को कम करने और दुर्घटनाओं में पीड़ितों को तुरंत मदद एवं राहत पहुंचाने में योगदान देने वाले नागरिकों को प्रोत्साहित करने के लिए कई योजनाएं और पुरस्कार घोषित किए हैं। इनका व्यापक प्रचार-प्रसार करना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि नागरिकों की जागरूकता और सतर्कता से ही सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाई जा सकती है।

परिवहन और सड़क सुरक्षा विभाग की शासन सचिव एवं आयुक्त श्रीमती शुची त्यागी ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं में किसी नागरिक की मृत्यु उस व्यक्ति के परिवार के लिए एक गहरी त्रासदी होती है। उन्होंने ट्रैफिक प्रबंधन के 4 ई के सिद्धांत—इंजीनियरिंग, एनफोर्समेंट, एजुकेशन और इमरजेंसी—का उल्लेख करते हुए कहा कि दुपहिया वाहन चलाने के दौरान हेलमेट पहनने और चौपहिया वाहन चलाते समय सीट बेल्ट लगाने की आदत से सड़क दुर्घटनाओं में मृत्यु दर को प्रभावी रूप से कम किया जा सकता है।

 

 

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