WhatsApp : भारत सरकार ने 17 हजार से अधिक WhatsApp अकाउंट को ब्लॉक कर दिया है। यह निर्णय एक नहीं कई कारणों से लिया गया था।
WhatsApp : भारत सरकार ने 17 हजार से अधिक व्हाट्सएप अकाउंट को ब्लॉक कर दिया है। जांच में पता चला कि यह अकाउंट दक्षिण-पूर्व एशिया के हैकरों के हैं, क्योंकि वे लोगों को इन्वेस्टमेंट प्रोफिट ऑफर्स देकर, गेम, डेटिंग ऐप्स और फर्जी ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के जरिए लालच देकर झांसे में फंसाते हैं और उनसे पैसा ठग लेते हैं, लेकिन हैकर्स को पुलिस नहीं मिलती।
I4C और DOT ने WhatsApp अकाउंटों को ब्लॉक करने का निर्णय लिया। गुरुवार को यह निर्णय लिया गया और नोटिफिकेशन जारी किया गया। गृह मंत्रालय के साइबर-सेफ्टी X हैंडल साइबरदोस्त ने X सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट लिखकर मोदी सरकार के इस निर्णय के बारे में जानकारी दी।
साइबर क्राइम नेटवर्क को ध्वस्त करना मकसद मीडिया रिपोर्ट ने बताया कि I4C ने दूरसंचार विभाग के साथ मिलकर दक्षिण पूर्व एशिया में साइबर क्राइम में शामिल लोगों की सूची बनाई। फिर उनके WhatsApp अकाउंट को ब्लॉक कर दिया गया। इस निर्णय का लक्ष्य साइबर क्राइम नेटवर्क को रोकना और भारत की डिजिटल सुरक्षा बढ़ाना है।
मई 2024 में, कंबोडिया, म्यांमार, फिलीपींस और लाओस जैसे दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों से साइबर क्राइम की शिकायतों के बाद देश के गृह मंत्रालय ने एक जांच समिति बनाई। इस समिति की जांच से पता चला कि दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों में बैठे लोग भारत में साइबर क्राइम के लगभग 45 प्रतिशत मामले करते हैं। ट्रेस नहीं होने के कारण अपराधियों की संख्या बढ़ती जा रही है, जिससे भारत को नुकसान हो रहा है।
भारतीयों को लालच देकर कंबोडिया भेजा
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, जांच में पता चला कि I4C ने हैकरों की नौकरी को ट्रेस किया, जिससे पता चला कि साइबर क्राइम करने वाले निवेश करके मोटा पैसा कमाने का लालच देते हैं। ऑनलाइन गेम खेलने का लालच देकर लोगों को फंसाकर धन ठगते हैं। डेटिंग ऐप्स पर ठगते हैं, जो आपको अपने मनचाहे जीवनसाथी से मिलवाने और शादी करने का लालच देते हैं। इसके अलावा, वे फर्जी ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के माध्यम से भी लोगों से पैसे ठग रहे हैं।
हाल ही में, भारतीय युवाओं को कंबोडिया में काम की तलाश में भेजने का लालच देकर धन ठगा गया। लालच में फंसकर कंबोडिया पहुंचे भारतीयों ने ठगे जाने के बाद वहां विरोध प्रदर्शन किया, जिसके परिणामस्वरूप पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। कंबोडिया में रह रहे अपने लोगों को सुरक्षित रखने और उन्हें वापस घर भेजने के लिए उपाय किए गए।