बीजेपी और इंडिया अलायंस: मायावती की बसपा ने यूपी में एक भी सीट नहीं जीत सकी है, लेकिन उसने बीजेपी और इंडिया अलायंस को हराया है और कई सीटें खो दी हैं।
बीजेपी और इंडिया अलायंस: 2024 की Lok Sabha Election Result: उत्तर प्रदेश में बीजेपी को लोकसभा चुनाव में सबसे बड़ा झटका लगा है। पिछले आम चुनाव के मुकाबले पार्टी ने 29 सीटें खो दी हैं। पिछली बार अकेले भाजपा को 62 सीटें मिली थीं, लेकिन इस बार उसे 33 सीटें मिलीं। समाजवादी पार्टी को सबसे अधिक फायदा हुआ, उसे 37 सीटें मिलीं, जबकि गठबंधन की सहयोगी पार्टी कांग्रेस को छह सीटें मिलीं। मायावती की बसपा का खाता तक नहीं खुला, लेकिन अकेले चुनाव में उतरकर मायावती ने बीजेपी को कुछ सीटों पर हराया, जबकि सपा और कांग्रेस गठबंधन को कुछ सीटों पर हराया। इंडिया अलायंस को बड़ा फायदा हो सकता था अगर बसपा इंडिया गठबंधन में शामिल होकर चुनाव लड़ती।
उन्नाव, अमरोहा, अलीगढ़ में बसपा के उम्मीदवार को विनिंग मार्जिन से अधिक वोट मिले। जैसे कि बीजेपी के देवेंद्र सिंह उर्फ भोले सिंह ने यूपी की अकबरपुर सीट जीत ली है। सपा के राजाराम पाल दूसरे स्थान पर रहे। राजाराम पाल 44345 वोटों से हार गए, जबकि बसपा के उम्मीदवार राजेश कुमार द्विवेदी 73140 वोटों से तीसरे स्थान पर रहे। मायावती ने इस सीट पर ब्राह्मण चेहरा उतारकर बीजेपी का वोट काटा, ठीक उसी तरह अमरोहा में मुस्लिम उम्मीदवार देकर इंडिया अलायंस के उम्मीदवार को धक्का लगाया। ठीक उसी तरह, अलीगढ़ में बीजेपी ने जीत हासिल की, लेकिन उसका जीत का मार्जिन लगभग 15 हजार वोट ही था, जबकि बसपा के विजेता ने सवा लाख वोट हासिल किए।
अमरोहा की सीट पर बीजेपी के टिकट से लड़ते हुए कंवर सिंह तंवर ने 28 हजार वोटों से जीत हासिल की, जबकि दानिश अली ने 447836 वोटों से दूसरे स्थान पर रहे। बसपा के उम्मीदवार मुजाहिद हुसैन ने तीसरे स्थान पर आकर 164099 वोट प्राप्त किए। Basgaon सीट पर, कांग्रेस के उम्मीदवार सदल प्रसाद सिर्फ 3150 वोटों से बीजेपी के उम्मीदवार से हार गए, जबकि बसपा के उम्मीदवार को 64 हजार से अधिक वोट मिले। तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार ललितेश त्रिपाठी भी भदोही सीट पर 41 हजार से अधिक वोटों से पराजित हो गए। सपा ने उनका समर्थन किया। बसपा के उम्मीदवार हरिशंकर ने इस सीट पर 155053 वोट जीते और तीसरे स्थान पर रहे।
केंद्रीय मंत्री संजीव कुमार बालयान यूपी की मुजफ्फरनगर सीट पर चुनाव हार गए। सपा के हरेंद्र सिंह मलिक ने यह सीट 24 हजार से अधिक वोटों के मार्जिन से जीती। बसपा के दारा सिंह प्रजापति ने 143707 वोटों से तीसरे स्थान पर जीता। ठीक उसी तरह, बसपा ने यूपी की बांदा सीट पर ब्राह्मण चेहरा उतारकर बीजेपी का खेल खराब कर दिया और सपा उम्मीदवार विजयी हुए। बीजेपी उम्मीदवार आरके सिंह पटेल 71210 वोटों से चुनाव हार गए, जबकि बसपा उम्मीदवार मयंक द्विवेदी को 245745 वोट मिले।
जबकि अन्य सीटों में देवरिया, फर्रुखाबाद, फतेहपुर सीकरी, मिश्रिख, फूलपुर, हरदोई, मेरठ और मिर्जापुर में बीजेपी और इंडिया अलायंस: के उम्मीदवार के बीच में हार-जीत के अंतर से अधिक वोट बसपा के उम्मीदवार को मिले। बिजनौर सीट पर भी बीजेपी ने 37508 वोटों से जीत हासिल की, जबकि बसपा केवल 2,18,986 वोटों से तीसरे स्थान पर रही। साथ ही, बसपा के कैंडिडेट को शाहजहांपुर और उन्नाव जैसे लोकसभा क्षेत्रों पर जीत-हार के मार्जिन से अधिक वोट मिले हैं।
मायावती का वोट बैंक बहुत से सपा-कांग्रेस गठबंधन की ओर चला गया है, जो इस लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हराने की एक बड़ी वजह है। पिछले दस वर्षों में मायावती की पार्टी का वोट शेयर लगातार घट रहा है। 2014 के चुनाव में बसपा को यूपी में 19.77 प्रतिशत वोट मिले थे, जबकि 2019 में यह 19.42 प्रतिशत था। लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में मायावती का वोट शेयर सिर्फ 9.39 प्रतिशत रह गया। यह भी महत्वपूर्ण है कि बसपा 2019 में सपा के साथ गठबंधन में थी और 2014 के मुकाबले वोट शेयर को बचाए रखने और सीटों को बढ़ाने में सफल रही थी, लेकिन 2024 का लोकसभा चुनाव बसपा ने अकेले लड़ा था। कांग्रेस ने इस बार बसपा से अधिक वोट प्राप्त किए हैं और यूपी में बीजेपी के बाद तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बन गई है। बसपा का वोट स्पष्ट रूप से कांग्रेस और सपा में गया है।